Budh Yam Labh Drishti 2025: हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है महाशिवरात्रि। इस दिन महादेव शिव जी की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ व्रत रखने का विधान है। इस दिन कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। इस दिन शिव योग, परिघ योग, श्रवण नक्षत्र के साथ त्रिएकादश, मालव्य योग जैसे राजयोगों का निर्माण हो रहा है। बता दें कि 26 मार्च को दोपहर 12 बजकर 53 मिनट पर बुध और यम 60 डिग्री पर होंगे, जिससे लाभ दृष्टि का निर्माण हो रहा है। इसे त्रिएकादश योग भी कहा जाता है। इसके अलावा शुक्र के उच्च राशि मीन में होने से मालव्य राजयोग, मीन राशि में बुध और शुक्र की युति से लक्ष्मी नारायण योग का भी निर्माण हो रहा है। ऐसे में कुछ राशि के जातकों को बंपर लाभ मिल सकता है। आइए जानते हैं महाशिवरात्रि का दिन किन राशियों के लिए लकी साबित हो सकता है…
वृषभ राशि (Vrishabha Zodiac)
वृषभ राशि के जातकों के ऊपर महादेव की पूरी कृपा रहने वाली है। इस राशि के जातकों को हर क्षेत्र में अपार सफलता हासिल हो सकती है। इसके साथ ही लंबे समय से रुके काम पूरे होने के साथ-साथ धन-धान्य की बढ़ोतरी हो सकती है। आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहने वाली है। कई नए अवसर मिल सकते हैं। इसके साथ ही जीवन में खुशियां ही खुशियां आ सकती है। इसके साथ ही निवेश सोच-विचार कर खर्च करें। सेहत का खास ख्याल रखें।
कर्क राशि (Kark Zodiac)
इस राशि के जातकों को महाशिवरात्रि को विशेष लाभ मिल सकता है। विदेश में उच्च शिक्षा के लिए जा सकते हैं। इसके साथ ही कम दूरी की यात्रा करना लाभकारी सिद्ध हो सकता है। नौकरी के कई नए अवसर मिल सकते हैं। इसके साथ ही व्यापार में भी काफी लाभ मिल सकता है। लेकिन किसी भी प्रकार का जल्दबाजी में लेनदेन न करें। इसके साथ ही भाई-बहनों के साथ पूरा सहयोग प्राप्त होगा। मानसिक स्थिति अच्छी रहने वाली है। अध्यात्म की ओर आपका झुकाव होगा।
धनु राशि (Dhanu Zodiac)
इस राशि के जातकों के लिए भोलेनाथ खुशियां लेकर आने वाला है। बिजनेस से जुड़े जातकों को भी खूब लाभ मिल सकता है। भविष्य में इन यात्राओं का काफी लाभ मिल सकता है। कुछ नया सीखने को मिलेगा। निवेश करने से आपको भविष्य में काफी लाभ मिल सकता है। जीवनसाथी का पूरा सहयोग मिलेगा, जिससे आप कई क्षेत्रों में सफलता हासिल हो सकती है। मानसिक तनाव कम हो सकता है। परिवार के साथ मांगलिक कार्य में हिस्सा ले सकते हैं।
कर्मफलदाता शनि जातकों को उनके कर्मों के हिसाब से फल या फिर दंड देते हैं। शनि एकलौता ग्रह है जो सबसे धीमी गति से चलते हैं। शनि 30 साल बाद राशि, तो वहीं 27 साल बाद नक्षत्र परिवर्तन करते हैं जिसका असर 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी तरह से अवश्य पड़ता है। ऐसे ही शनि बसंत पंचमी के दिन गुरु के नक्षत्र पूर्वा भाद्रपद के दूसरे पद में प्रवेश करने वाले हैं। शनि की इस स्थिति पर बदलाव का असर इन तीन राशियों पर सबसे अधिक पड़ने वाला है। जानें इन राशियों के बारे में
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