मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में एक बड़ा ही खास शिव मंदिर है। इसे भीमकुंड शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है। कहते हैं कि इस मंदिर में भीम ने भगवान शिव की पूजा थी। यह वाकया उस समय का है जब पांडव अज्ञातवास पर निकले थे। बताते हैं कि अज्ञातवास के दौरान ही पांडव खंडवा की इस भूमि पर आए थे। यहां आने पर पांडवों को ज्ञात हुआ कि इस जगह पर पानी नहीं आता। मंदिर के एक पुजारी का कहना है कि यह सुनकर भीम ने अपना गदा धरती पर जोर से मारा और जल का धारा बहने लगी। साथ ही इस स्थान पर भीम ने शिवलिंग की स्थापना करके शिव जी की पूजा की। कहा जाता है कि कुछ समय बाद यहां पर शिव मंदिर का निर्माण किया गया।

भीमकुंड शिव मंदिर खंडवा शहर से लगभग 4-5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर आबना नदी के टापू पर बना हुआ है। साथ ही मंदिर चारों ओर से पानी से घिरा हुआ है। मंदिर तक जाने के लिए कोई पक्का रास्ता नहीं है। ऐसे में लोग पगडंडी के सहारे ही मंदिर का रास्ता तय करते हैं। मंदिर के आसपास काफी हरियाली है। यह इलाका पेड़-पौधों से घिरा हुआ है। मंदिर में शिवलिंग का दर्शन करने वालों को यहां मानसिक रूप से काफी शांति मिलती है। साथ ही प्राकृतिक खूबसूरती का भी दर्शन होता है।

भीमकुंड शिव मंदिर में शिवलिंग का दर्शन करने के लिए लोग भारी संख्या में आते हैं। शिवरात्रि के समय यहां का नजारा बेहद ही दर्शनीय होता है। मंदिर के एक पुजारी का कहना है कि 20 से 30 हजार की संख्या में भक्त यहां पर आते हैं। मान्यता है कि इस शिवलिंग का दर्शन करने और जल अर्पित करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही व्यक्ति को अपने जीवन में सफलताएं भी हासिल होती हैं।