Bhaum Pradosh Vrat 2025: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का खास महत्व है। वहीं आपको बता दें कि साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। इस क्रम में हर मास कृष्ण और शुक्ल पक्ष में एक-एक प्रदोष व्रत पड़ता है और हर एक का विशेष महत्व है। प्रदोष व्रत भोलेनाथ और मां पार्वती को को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस दिन शिव जी की विधिवत पूजा करने से व्यक्ति को हर कर्ज से निजात मिल जाती है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। यहां हम बात करने जा रहे हैं भौम प्रदोष के बारे में, जो 08 जुलाई को रखा जाएगा। वहीं इस दिन रवि शुभ योग भी बन रहा है, जिससे इस दिन का महत्व औऱ भी बढ़ गया है। वहीं आज गुरु आदित्य राजयोग भी बन रहा है। आइए जानते हैं तिथि और शुभ मुहूर्त…

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भौम प्रदोष व्रत 2025 तिथि (Pradosh Vrat 2025 Tithi) 

ज्योतिष पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 07 जुलाई को देर रात 11 बजकर 11 मिनट पर आरंभ होगी। वहीं, इस तिथि का अंत 09 जुलाई को त्रयोदशी तिथि देर रात 12 बजकर 39 मिनट पर होगा। ऐसे में 08 जुलाई को प्रदोष व्रत मनाया जाएगा।

भौम प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त 

वैदिक पंचांग के अनुसार इस दिन शिव जी की पूजा करने का शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 24 मिनट से लेकर 09 बजकर 25 मिनट तक है। इस दौरान किसी भी समय पूजा-अर्चना कर सकते हैं। 

बन रहा है शुभ योग

भौम प्रदोष व्रत के दिन रवि योग बन रहा है। इस योग में पूजा करने का दोगुना फल प्राप्त होता है।

प्रदोष व्रत पूजन सामग्री

जल, गंगाजल, दूध, बेलपत्र, नीला फूल, सफेद चंदन, लाल या पीला गुलाल,अक्षत, धतूरा, आक का फूल, भांग, भस्म, फल, मिठाई, घी का दीपक, धूप, प्रदोष व्रत कथा की किताब, घंटी, मिठाई आदि।

भौम प्रदोष व्रत का महत्व

इस व्रत को रखने से सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही अगर कुंडली में भौम दोष हो तो इस दिन व्रत रखने से मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव में कमी आती है। साथ ही हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है।

भौम प्रदोष व्रत मंत्र (Pradosh Vrat Mantra)

ऊं नम: शिवाय

ऊं आशुतोषाय नम:

ऊं नमो धनदाय स्वाहा

ऊं ह्रीं नम: शिवाय ह्रीं ऊं

ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।

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