Bhadrapada Amavasya 2023 Date: सनातन धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। पूर्णिमा तिथि के आते ही हिंदू मास का समापन हो जाता है। हर मास के 15 दिन बाद अमावस्या तिथि आती है। हर एक अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। ऐसे ही भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को भाद्रपद अमावस्या या भादो अमावस्या कहा जाता है। इस दिन स्नान, दान और श्राद्ध करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इस अमावस्या के दिन कुश (घास) एकत्र करने की परंपरा भी है। इसी के कारण इसे कुशा ग्रहणी अमावस्या कहते हैं। इसके साथ ही इस दिन कुछ खास उपाय करके कुंडली से काल सर्प दोष के दुष्प्रभावों को भी कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं भाद्रपद अमावस्या की तिथि, शुभ मुहूर्त और उपाय।
कब है भाद्रपद अमावस्या 2023? ( Bhadrapada Amavasya 2023 Date)
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या 14 सितंबर को सुबह 4 बजकर 51 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 15 सितम्बर 2023 को शुक्रवार दिन सुबह 07 बजकर 12 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।
तिथि- भादो अमावस्या 14 सितंबर 2023 को होगी।
भाद्रपद अमावस्या 2023 पर बना सिद्ध और शुभ योग ( Bhadrapada Amavasya 2023 Shubh Yoga)
इस साल भाद्रपद अमावस्या के दिन साध्य और शुभ योग बन रहा है। साध्य योग 15 सितंबर को सुबह 2 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। इसके बाद शुभ योग आरंभ हो जाएगा। इन दोनों योग में पूजा करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है।
कालसर्प दोष से निजात पाने के उपाय (Kaal Sarp Dosh Upay)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर किसी जातक की कुंडली में काल सर्प दोष होता है, तो उसके जीवन में कोई न कोई समस्या बनी रहती है। इसे अशुभ दोषों में से एक माना जाता है। कुंडली में जब राहु और केतु एक घर में प्रवेश कर जाएं और उनके एकदम बीच में अन्य ग्रह बैठे हों, तो कालसर्प दोष बनता है। काल सर्प दोष से निजात पाने के लिए भाद्रपद अमावस्या के दिन कुछ उपाय कर सकते हैं। इस दिन शिव जी और नाग देवता की पूजा करने का विधान है।
- भाद्रपद अमावस्या के दिन शिव जी की विधिवत पूजा करें। शिवलिंग में जल और गंगाजल चढ़ाने के साथ महामृत्युंजय मंत्र का पाठ 108 बार करें।
- शिवलिंग में गाय के दूध में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर अर्पित करें। इसके साथ ही शिवजी से इस दोष से निजात पाने के लिए खाना करें।
- काल सर्प दोष से निजात पाने के लिए भाद्रपद अमावस्या के दिन व्रत रखने से विशेष लाभ मिलेगा। इसके साथ ही नाग देवता की विधिवत पूजा करें।
- भाद्रपद अमावस्या के दिन भगवान शिव को खीर, मिठाई या फिर फल का भोग लगाएं। इसके बाद इसे प्रसाद के रूप में बांट दें। ऐसा करने से भी कालसर्प दोष से निजात मिल सकती है।
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