शनि ग्रह का प्रतिनिधि रत्न नीलम बहुत ही ताकतवर और प्रभावशाली माना जाता है। यह रत्न राजा को रंक और रंक को राजा बनाने की क्षमता रखता है। इसलिए इस रत्न को धारण करने से पहले विशेष सावधानी बरती जाती है। यह रत्न राशि के हिसाब से नहीं, बल्कि लग्न राशि के हिसाब से पहनना चाहिए। ऐसा जरूरी नहीं है कि नीलम हर किसी के लिए शुभ साबित हो, कुछ लग्नों के व्यक्तियों को इसका पहनना घातक भी साबित हो सकता है।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, शनि का संबंध कड़ी मेहनत से हैं, अतः ऐसा कहना बिल्कुल गलत होगा कि शनि किसी को भी बैठे बिठाए संपन्न बना देते हैं। नीलम उन लोगों के लिए शुभ है, जो मेहनत और लगन से कामयाबी हासिल करते हैं। आइए तीर्थराज प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य प्रणव ओझा से जानते हैं किन लग्न वालों को नीलम रत्न नहीं पहनना चाहिए…

इन लग्न वालों को नीलम रत्न नहीं धारण करना चाहिए

ज्योतिषाचार्य प्रणव ओझा के अनुसार, सामान्य तौर पर मेष लग्न, कर्क लग्न, सिंह लग्न, वृश्चिक लग्न, धनु लग्न और मीन लग्न वालों को नीलम रत्न नहीं पहनना चाहिए। इन लग्नों के स्वामी से शनि देव शत्रु भाव रखते हैं इसलिए नीलम रत्न से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।

अगर आप नीलम रत्न पहनेंगे तो कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक समस्याओं के साथ-साथ काम में भी रुकावट आती है और परिवार की सुख-शांति भी चली जाती है। इसलिए भूलकर भी इन राशियों के लोगों को नीलम रत्न धारण नहीं करना चाहिए।

नीलम रत्न को धारण कर सकते ये लग्न वाले

सामान्य तौर पर वृष लग्न, मिथुन लग्न, कन्या लग्न, तुला लग्न, मकर लग्न और कुम्भ लग्न वाले नीलम रत्न धारण कर सकते हैं। ज्योतिषाचार्य प्रणव ओझा के अनुसार, इन लग्नों के स्वामी के साथ शनि का मित्रता भाव है। इन राशियों पर नीलम का प्रभाव इस तरह होता है कि पूरी जिंदगी आपकी बदल जाती है और भाग्य का साथ मिलने से एक के बाद एक कई उपलब्धियां प्राप्त करते हैं।

अगर आप शनि की महादशा या अंतर्दशा की अवधि सुधारना चाहते हैं या फिर कुंडली में शनि की स्थिति मजबूत करनी है तो नीलम रत्न धारण कर सकते हैं लेकिन एक बार ज्योतिषी से व्यक्तिगत राय जरूर ले लें।

इस स्थिति में नीलम न धारण करें

ज्योतिषाचार्य प्रणव ओझा के अनुसार कुंडली में शनि की स्थिति के अनुसार ही नीलम रत्न धारण करना चाहिए। अगर बिना किसी जानकारी के रत्न धारण कर लेते हैं तो अत्यधिक दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है। अगर कुंडली में शनि की स्थिति सही नहीं है तो भूलकर भी नीलम रत्न धारण नहीं करना चाहिए।

कुंडली में अगर शनि की स्थिति सही नहीं है तो परिवार में लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं और बीमारियां, नुकसान, काम में रुकावट आदि चीजों का सामना करना पड़ सकता है। बनते काम बिगड़ते रहते हैं। इसलिए कुंडली में शनि की स्थिति सही है तो ही नीलम रत्न ज्योतिषी से पूछकर धारण करना चाहिए।

कुंडली में शनि की ऐसी स्थिति में रत्न न धारण करें

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि राहु या शनि मंगल या शनि सूर्य की युति हो या फिर शनिदेव आठवें स्थान पर स्थित हों तो सामान्यतः नीलम रत्न धारण नहीं करना चाहिए।

ऐसी स्थिति में नीलम देगा शुभ फल

सामान्यतः ज्योतिषीगण के नीलम रत्न को ढैय्या, साढ़ेसाती, शनि की दशा और वक्री, दुर्बल अथवा नीच भाव में धारण करा देते हैं, परन्तु ज्योतिषाचार्य प्रणव ओझा के मुताबिक ऐसा नहीं करना चाहिए। शनि यदि कुंडली में कारक है, सहयोगी है तो ही नीलम धारण करना चाहिए, अन्यथा जानलेवा हो सकता है।

नीलम के दो उपरत्न भी हैं, लीलिया और जमुनिया; चूंकि नीलम बहुत महंगा रत्न है। अगर आप इसे नहीं खरीद सकते तो इन रत्नों को धारण कर सकते हैं। ये भी नीलम की तरह ही प्रभाव देते हैं लेकिन ज्योतिषीय सलाह पर ही धारण करें।