Basant Panchami 2026 Date, Puja Timings: सनातन धर्म में बसंत पंचमी तिथि का खास महत्व है। इस दिन ज्ञान की देव मां सरस्वती की आराधना करने का विधान है। कहा जाता है कि इस दिन पूजा-पाठ करने से जीवन के अंधकार का नाश होता है। साथ ही सभी कामों में सफलता मिलती है। शास्त्रों के अनुसार सृष्टि के रचनाकर ब्रह्मा जी ने इसी दिन ज्ञान, विद्या, संगीत की देवी मां सरस्वती को प्रकट किया था। इसी के कारण बसंत पंचमी को मां सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। बसंत पंचमी को वसंत पंचमी और श्री पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। इस बार बसंत पंचमी का पर्व 24 जनवरी को मनाई जाएगी। आइए जानते हैं बसंत पंचमी की तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त…
बसंत पंचमी तिथि 2026 (Basant Panchami Kab Hai)
ज्योतिष पंचांग के मुताबिक माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 23 जनवरी 2026 को सुबह 02 बजकर 29 मिनट पर आरंभ होगी। वहीं इसका समापन 24 जनवरी को सुबह 01 बजकर 45 मिनट पर होगा। ऐसे में 23 जनवरी 2026 को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा।
सरस्वती पूजा मुहूर्त : सुबह 7 बजकर 13 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक
बसंत पंचमी की पूजा का महत्व
बसंत पंचमी के इस दिन को अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है, जिसका मतलब है कि इस दिन किसी भी शुभ काम जैसे – विवाह, मुंडन या गृह प्रवेश के लिए पंचांग देखने की जरूरत नहीं होती है। वहीं इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान का आशीर्वाद मिलता है। बसंत पंचमी पर शिक्षा और संगीत से जुड़े लोग मां सरस्वती की पूजा- अर्चना करते हैं। वे ज्ञान की देवी से बुद्धि और विद्या की कामना करते हैं। वहीं स्कूलों और कॉलिज में शिक्षक और छात्र दोनों ही इस दिन सरस्वती पूजा में शामिल होते हैं।
सरस्वती पूजन ध्यान मंत्र
या कुन्देन्दु तुषारहार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।
शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमांद्यां जगद्व्यापनीं।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यांधकारपहाम्।।
हस्ते स्फाटिक मालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्।।
