Ayodhya Ram Mandir Verdict, Ramlala win, Ayodhya Verdict on Babri masjid demolition case: अयोध्या में रामलला (Ramlala) स्थापित होंगे। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बाबरी विध्वंस मामले में बड़ा फैसला देते हुए बता दिया है कि विवादित जमीन पर ही भगवान राम (Lord Rama) का जन्म हुआ था। 5 जजों की बेंच ने अपने फैसले और टिप्पणी में जिक्र किया कि अयोध्या में विवादित जमीन पर ही भगवान राम का जन्म हुआ था। इस बात की पुष्टि के लिए जजों ने अपने फैसले में स्कंद पुराण (Skand Puran) और वाल्मीकि रामायण (Valmiki Ramayana) को भी आधार माना। इस पवित्र ग्रंथों के कारण ही ये साबित हो सका कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में उसी स्थान पर हुआ था।
क्या है स्कंद पुराण और राम (Lord Rama) के बारे में क्या लिखा है?
भारत के हिंदू वैदिक काल और प्राचीन धार्मिक इतिहास पर कुल 18 पुराणों की रचना हुई है। इसमें से एक है स्कन्द पुराण। इसमें 21000 श्लोक हैं। इसमें प्रमुखता से भारत के शैव और वैष्णव तीर्थों के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है। इस पुराण में राम के बखान के साथ अयोध्या में राम जन्म का भी जिक्र है। पुराणों में तमाम ऐतिहासिक प्रकरण के आधार पर भगवान शिव, विष्णु और राम की महिमा का सुन्दर वर्णन है। आपको बता दें कि तुलसीदास की रामचरित मानस में भी स्कंद पुराण का जिक्र किया गया है। आपको बता दें कि स्कंद पुराण के वैष्णव खण्ड में अयोध्या माहात्म्य का वर्णन भी विस्तारपूर्वक मिलता है।
वाल्मीकि रामायण में भी अयोध्या और भगवान राम के बाल्यकाल का वर्णन है:
महर्षि वाल्मीकि ने भी पवित्र ग्रंथ रामायण की रचना की थी। ये ग्रंथ संस्कृत में है और इस महाकाव्य को हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। वाल्मीकि रामायण में 24,000 श्लोक हैं, जिसके माध्यम से रघुवंश के राजा राम और उनकी गाथाओं का उल्लेख किया है। रामायण में सात अध्याय हैं, जो काण्ड के नाम से जाने जाते हैं। इसी में महत्वपूर्ण है बालकाण्ड। इसी काण्ड में भगवान राम के अयोध्या में जन्म का विस्तार से जिक्र किया गया है।