Ayodhya Ram Mandir: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार वो घड़ी समीप आ गई है, जब अयोध्या में राम मंदिर बनने की शुरुआत होगी। 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमिपूजन किया जाएगा। इसमें पीएम समेत तमाम हस्तियां शिरकत करेंगी। रामलला के मंदिर की संरचना इस तरीके से होगी कि भविष्य में मंदिर पर कोई आंच न आ पाए। इसलिए इसकी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिससे आने वाले हजार वर्षों तक यह मंदिर सलामत रहे। भवन के वास्तुकार के मुताबिक भवन रेक्टर स्केल पर आठ से 10 तीव्रता वाला भूकंप भी झेल सकेगा।

मंदिर के निर्माण में विशेष तरह के पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिनकी चमक सालों-सालों रहेगी। इन पत्थरों को राजस्थान के बंशीपुर पहाड़ क्षेत्र से लाया गया है। इन पत्थरों को बलुई पत्थर कहते हैं। अक्षरधाम मंदिर भी इन्हीं पत्थरों से बनाया गया है। इन पत्थरों पर आकृति आसानी से बनाई जा सकती है। जानकारी अनुसार मंदिर में एक शिखर होगा और पांच गुंबद बनेंगे। मंदिर की लंबाई 268 फीट, ऊंचाई 161 फीट और चौड़ाई 140 फीट रहेगी।

जानकारी अनुसार 45 एकड़ में रामकथा कुंज बनेगा। भू-तल में सिंहद्वार, गर्भगृह, नृत्यद्वार, रंगमंडप होगा। प्रथम तल पर राम दरबार की मूर्तियां लगेंगी। मंदिर में 24 दरवाजों का चौखट बनेगा। राम मंदिर की इमारत को बनाने का काम अहमदाबाद के आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा को दिया गया है।

रत्न जड़ित पोशाक पहनेंगे भगवान:  5 अगस्त को राम मंदिर के भूमिपूजन के अवसर पर भगवान राम, भाई-लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न रत्न जड़ित पोशाक पहनेंगे। इन पोशाकों पर नौ तरह के रत्न लगाए गए हैं। जानकारी अनुसार भगवान राम की पोशाक हरे रंग की होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रामलला के इस मंदिर में एक साथ  10 हजार श्रद्धालु दर्शन कर पाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या में भूमि पूजन करेंगे, जिसके बाद से राम मंदिर बनने के कार्य में तेजी आ जाएगी। बताया जा रहा है कि 5 अगस्त को साढ़े 11 बजे पीएम मोदी अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे। पीएम को ये पूजन 32 सेकंड के शुभ मुहूर्त में करना होगा। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा हैं, जिनकी अगुवाई में ही मंदिर निर्माण का काम चल रहा है।