अक्सर लड़कियां अपने बाएं पैर में काला धागा बांधती हैं, ऐसा लड़कियां इसीलिए करती हैं क्योंकि काले धागे को बांधने से नेगेटिव एनर्जी और बुरी नजर से बचने के लिए करती हैं। ऐसा करने से हमारे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसी तरह काले धागे को पैर में बांधने का ज्योतिषी और वैज्ञानिक कारण होता है।
जानकारों के मुताबिक इसका प्रचलन शुरु हुआ किसी को हाथ या पैर कहीं भी चोट लग गयी तो उस स्थान के पास में काला धागा बांध देता था कि नजर ना लगे। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, काला धागा बांधने से व्यक्ति को स्वास्थ्य समस्याएं नहीं होती हैं।
तंत्र शास्त्र का माननाहै कि खासकर जिन लोगों को पेट दर्द की समस्या रहती हैं उन्हें पैरे के अंगूठे में काला धागा बांधना चाहिए। इसके अलावा पैर में काला धागा बांधने से पैरों के दर्द से छुटकारा मिलता है। छोटे बच्चों को बुरी नजर से बचाने के लिए भी बांधा जाता है।
पुरुषों को कौन से पैर में काला धागा बांधना चाहिए?
ज्यादातर महिलाओं को बाएं पैर में काला धागा बांधे हुए देखा जाता है लेकिन पुरुषों के लिए, दाहिने पैर पर काला धागा बांधना बेहद शुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र का माननाहै कि मंगलवार को पुरुषों को पैरों में काला धागा बांधना बेहद शुभ माना जाता है।
कमर में काला धागा पहनने से क्या होता है?
गले, कमर, कलाई आदि अंगों पर काला धागा बांधने की बहुत पुरानी परंपरा है। मान्यता है कि ये बुरी नजर से बचाने के साथ शरीर को सकारात्मक ऊर्जा भी प्रदान करता है। तंत्र शास्त्र के अनुसार काला धागा नकारात्मक ऊर्जा को सोखकर अपने भीतर समा लेता है और पहनने वाले की इनसे रक्षा करता है।
मंत्रोच्चार के साथ पहनना चाहिए काला धागा
काले धागे को शनिवार के दिन पहनना शुभ माना जाता है वहीं धागे पर नौ गांठें बांधने के बाद ही धारण करना चाहिए। काले धागे को मंत्रोंच्चारण करने के साथ किसी शुभ मुहूर्त जैसे अभिजीत या ब्रह्म मुहूर्त में पहनना चाहिए।
अपने गोचर और दशा के आधार पर मंत्र का जप करना चाहिए। बेहतर होगा कि किसी अच्छे ज्योतिषी से परामर्श करके इसको पहनना चाहिए। वहीं धागे को 2, 4, 6 या आठ के घेरे में बांधना चाहिए और ध्यान रहे कि किसी और रंग जैसे-लाल या पीले रंग का धागा नहीं बंधा होना चाहिए।