Amalaki Ekadashi: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है। ये तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है जो लोग 26 एकादशी का व्रत रखे हैं, उनकी विष्णु भगवान सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इस साल आमलकी एकादशी 14 मार्च को पड़ रही है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, महत्व और व्रत पारण समय…

आमलकी एकादशी का महत्व:

आमलकी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है। साथ ही इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि सृष्टि की रचना के समय भगवान विष्णु ने आंवले को पेड़ के रूप में प्रतिष्ठित किया था। वहीं शास्त्रों के अनुसार आमलकी एकादशी का व्रत रखने पर मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है और घर में सुख- समृद्धि का वास होता है।

पूजा करने का शुभ मुहूर्त:

एकादशी तिथि 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 5 मिनट तक रहेगी। वहीं जो लोग उदया तिथि से मनाना चाहे वो ये व्रत 14 मार्च को रख सकते हैं। साथ ही  इस बार आमलकी एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ गया है।

जानिए पूजा विधि:

इस दिन सुबह उठकर स्नान करें और भगवान विष्णु का ध्यान करें। साथ ही व्रत रखने का संकल्प करें। क्योंकि व्रत संकल्प करने के बाद ही विष्णु भगवान जी पूजा का फल प्राप्त होता है। इसके बाद घी का दीपक जलाकर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। पूजा के बाद आंवले के पेड़ के नीचे नवरत्न युक्त कलश स्थापित करें। अगर आस-पास आंवले का पेड़ नहीं है तो घर पर ही भगवान विष्णु को आंवला प्रसाद के रूप में अर्पित करें। (यह भी पढ़ें)24 घंटे बाद बुध ग्रह करने जा रहे हैं गोचर, इन राशियों पर पड़ेगा विशेष प्रभाव; खुल सकते हैं तरक्की के नए द्वार

जरूरतमंदों को दान करना चाहिए:

वहीं आंवले के पेड़ की पूजा धूप, दीप, रोली, चंदन, फूल, अक्षत से करने के बाद जरूरतमंदों को दान करना चाहिए। इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए। व्रत के अगले दिन भी व्रत का पारण करने से पहले विष्णु जी की पूजा कर किसी जरूरमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को कलश, वस्त्र और आंवला दान में देना चाहिए। इसके बाद भोजन ग्रहण कर उपवास खोलें। (यह भी पढ़ें)24 घंटे बाद बुध ग्रह करने जा रहे हैं गोचर, इन राशियों पर पड़ेगा विशेष प्रभाव; खुल सकते हैं तरक्की के नए द्वार