Akshaya Tritiya 2021 Puja Vidhi, Shubh Muhurat Timings: वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया या आखा तीज कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन किये हुए दान, नदी स्नान, यज्ञ, जप आदि कर्मों का फल अक्षय (जिसका क्षय या नाश न हो) होता है। इसलिए इस पर्व को अक्षय तृतीया नाम से जाना जाता है। इस दिन कोई भी शुभ काम करने के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं पड़ती। बड़ी संख्या में शादी-ब्याह इस खास दिन पर होते हैं। जानिए अक्षय तृतीया की पूजा विधि, मुहूर्त, महत्व…

अक्षय तृतीया पूजन विधि:
इस दिन व्रत रखने वाले वाले को सुबह स्नानादि से शुद्ध होकर पीले वस्त्र धारण करने चाहिए।
इसके बाद घर के मंदिर में विष्णु जी को गंगाजल से शुद्ध करके उन्हें तुलसी, पीले फूल की माला अर्पित करें।
फिर उनके समक्ष धूप-अगरबत्ती जलाएं और पीले आसन पर बैठकर विष्णु सहस्त्रनाम का पाछ या विष्णु चालीसा करें।
फिर आरती उतारें और प्रसाद भगवान को चढ़ाकर सभी में बांट दें।
इस दिन गरीबों को खिलाना या दान देना अत्यंत पुण्य-फलदायी होता है।
इस दिन कई जगह गेहूँ का सत्तू, कोमल ककड़ी व भीगी चने की दाल भोग के रूप में अर्पित करते हैं।

इन कारणों से अक्षय तृतीया की तिथि है खास:
-इस दिन गंगा स्नान करना काफी शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इस पवित्र दिन पर जो मनुष्य गंगा जी में आस्था की डुबकी लगाता है उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
-इस दिन पितृ श्राद्ध करने का भी विधान है। इस दिन जौ, गेहूँ, दही-चावल, चने, सत्तू, दूध से बने पदार्थ आदि सामग्री का दान अपने पितरों के नाम से करना चाहिए और ब्राह्मण को भोजन भी कराना चाहिए। इस दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने के लिए बड़ी संख्या में लोग तीर्थ स्थानों पर जाते हैं।
-इस दिन सोना ख़रीदना भी काफी शुभ माना जाता है। इसी तिथि पर परशुराम व हयग्रीव अवतार हुए थे।
-ये तिथि त्रेतायुग के प्रारंभ होने की भी मानी जाती है।
-इस दिन श्री बद्रीनाथ जी के पट खुलते हैं।

गंगा स्नान न कर पाएं तो क्या करें: कोरोना संक्रमण के चलते गंगा स्नान नहीं कर पा रहे थे तो इसमें परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप घर पर ही नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान कर अपने सभी पाप और कष्ट दूर कर सकते हैं। स्नान करने के बाद जरूरतमंद लोगों को जरूरी चीजों का दान भी करें।

अक्षय तृतीया पर दान का महत्व: हिंदू धर्म में दान को सबसे बड़ा पुण्य कर्म माना जाता है। लेकिन अक्षय तृतीया के दिन दान करना और भी अधिक फलदायी होता है। इस दिन घड़ी, कलश, चीनी, पंखे, छाते, चावल, दाल, अन्न, वस्त्र या फल आदि किसी भी चीज का दान कर सकते हैं।

अक्षय तृतीया में सोने का विकल्प: अक्षय तृतीया के दौरान यदि किसी भी वजह से सोना नहीं खरीद पाएं तो आप जौ खरीद सकते हैं। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने के बाद जौ को एक लाल कपड़े में बांधकर घर की तिजोरी या पैसे वाले स्थान में रख लें। इससे आपके धन धान्य में वृद्धि होगी।

अक्षय तृतीया का मुहूर्त: अक्षय तृतीया 14 मई सुबह 05:38 से शुरू होकर 15 मई सुबह 07:59 बजे तक रहेगी। पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 5:38 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक रहेगा। बाकी सुविधा अनुसार आप दिन में किसी भी समय पूजा कर सकते हैं।

सोने खरीदने का मुहूर्त: अक्षय तृतीया पर सोने की खरीदारी सुबह 05:38 से 15 मई की सुबह 05:30 बजे तक कभी भी कर सकते हैं।

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14:56 (IST)14 May 2021
कब आती है अक्षय तृतीया?

अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं। पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है। इसी कारण इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है।

13:13 (IST)14 May 2021
अक्षय तृतीया पर इन चीजों का कर सकते हैं दान...

पंखा, चप्पल या जूते, छाता, चने का सत्तू, दही-चावल, मौसमी फल जैसे खरबूजा, आम आदि। 

12:28 (IST)14 May 2021
अक्षय तृतीया का दिन इसलिए है खास...

ऐसा माना जाता है कि ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण इसी दिन हुआ था। मान्यता है कि अक्षय तृतीया के पावन दिन को माता अन्नपूर्णा का भी जन्म हुआ था।

11:50 (IST)14 May 2021
अक्षय तृतीया इसलिए है खास...

अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त माना गया है। इस तिथि पर सूर्य और चंद्र अपनी उच्च राशि में होते हैं। इसलिए इस दिन शादी, कारोबार की शुरूआत और गृह प्रवेश करने जैसे- मांगलिक काम बहुत शुभ रहते हैं। 

10:59 (IST)14 May 2021
सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त:

अक्षय तृतीया 14 मई को सोना खरीदने का समय- 05:38 AM से 05:30 AM मई 15
अवधि- 23 घण्टे 52 मिनट
15 मई को सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त- 05:30 AM से 07:59 AM
अवधि- 02 घण्टे 29 मिनट

10:15 (IST)14 May 2021
अक्षय तृतीया सर्वसिद्ध मुहूर्तों में से एक मुहूर्त है...

इस दिन भक्तजन भगवान विष्णु की आराधना में लीन होते हैं। स्त्रियां अपने और परिवार की समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान करके श्री विष्णुजी और मां लक्ष्मी की प्रतिमा पर अक्षत चढ़ाना चाहिए।

09:50 (IST)14 May 2021
अक्षय तृतीया पर सुख समृद्धि के लिए करें ये उपाय...

अक्षय तृतीया वैशाख मास के शुक्‍ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्‍णु की प्रतिमा को पंचामृत से स्‍नान करवाएं और उसके बाद विधि विधान से पूजा करके घी का दीया जलाकर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। ऐसा करने से आपको धन में वृद्धि प्राप्‍त होने की मान्यता है।

09:12 (IST)14 May 2021
माता लक्ष्मी की आरती...

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निस दिन सेवत हर-विष्णु-धाता ॥ॐ जय...
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता ।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ॐ जय...

तुम पाताल-निरंजनि, सुख-सम्पत्ति-दाता ।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि-धन पाता ॥ॐ जय...

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता ॥ॐ जय...

जिस घर तुम रहती, तहँ सब सद्गुण आता ।
सब सम्भव हो जाता, मन नहिं घबराता ॥ॐ जय...

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता ।
खान-पान का वैभव सब तुमसे आता ॥ॐ जय...
शुभ-गुण-मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहिं पाता ॥ॐ जय...

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कई नर गाता ।
उर आनन्द समाता, पाप शमन हो जाता ॥ॐ जय...

08:39 (IST)14 May 2021
अक्षय तृतीया पर करें ये काम:

इस दिन के साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें।
इस दिन सात्विक भोजन करें और कलह-कलेश से बचें।
इस दिन जरूरतमंद की मदद जरूर करें। इस दिन किये गये पुण्य कामों का फल कई गुना मिलता है।
इस दिन केसर और हल्दी से देवी लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।
इस दिन आर्थिक तरक्की के लिए सोने या चांदी से बनी लक्ष्मी की चरण पादुका खरीदकर घर में रखें और इसकी नियमित पूजा करें।

08:24 (IST)14 May 2021
अक्षय तृतीया की पूजा विधि:

इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना की जाती है। कई स्त्रियाँ अपने परिवार की समृद्धि के लिए इस दिन व्रत भी रखती हैं। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद श्री विष्णुजी और माँ लक्ष्मी की प्रतिमा पर अक्षत चढ़ाना चाहिए। फूल या श्वेत गुलाब, धुप-अगरबत्ती इत्यादि से इनकी पूजा अर्चना करनी चाहिए। नैवेद्य स्वरूप जौ, गेंहू या फिर सत्तू, ककड़ी, चने की दाल आदि का चढ़ावा चढ़ाना चाहिए। हो सके तो इस दिन ब्राह्मणों को भोजन जरूर कराएं। इस खास दिन पर इन चीजों का दान करना बेहद ही फलदायी माना गया है- फल-फूल, भूमि, जल से भरे घड़े, बर्तन, वस्त्र, गौ, कुल्हड़, पंखे, खड़ाऊं, खरबूजा, चीनी, साग, चावल, नमक, घी आदि।