साल 2022 में अक्षय तृतीया पर्व 3 मई हो है। इस दिन दान का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है इस दिन दान करने से अक्षय पुण्य का फल मिलता है। साथ ही इस दिन कोई भी शुभ काम बिना मुहूर्त देखे किया जा सकता है। इस त्योहार को आखा तीज भी कहा जाता है। वहीं इस साल इस तिथि पर 3 राजयोग का भी निर्माण हो रहा है। इसलिए इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। आइए जानते हैं खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त और इस दिन किन वस्तुओं का करना चाहिए दान…
खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त:
अक्षय तृतीया एक ऐसा दिन है कि आप बिना मुहूर्त का विचार किए खरीदारी या कोई भी मांगलिक कार्य कर सकते हैं क्योंकि पूरे दिन अबूझ मुहूर्त होता है। इस दिन आप किसी भी समय में विवाह, सगाई कर सकते हैं और सोना, चांदी, आभूषण, मकान, वाहन या अन्य प्रॉपर्टी की खरीदारी कर सकते हैं।
बन रहे हैं 3 राजयोग:
अक्षय तृतीया के दिन शुक्र ग्रह के अपनी उच्च राशि में होने से मालव्य राजयोग, गुरु बृहस्पति के मीन राशि में होने से हंस राजयोग और शनि के अपने घर में विराजमान होने से शश राजयोग का निर्माण हो रहा है, वहीं इस दिन सूर्य और चंद्रमा अपनी उच्च राशि में स्थित रहेंगे। लगभग 50 साल बाद ऐसा संयोग बना है कि दो ग्रह उच्च राशि में और दो प्रमुख ग्रह स्वराशि में स्थित रहेंगे।
अक्षय तृतीया पर दान का महत्व:
अक्षय तृतीया के दिन कई लोग दान दक्षिणा भी करते हैं। इसका बहुत बड़ा महत्व है। ऐसा माना जाता है कि दान- पुण्य करने से घर में सुख समृद्धि आती है। साथ ही जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं और घर में धन-धान्य की कमी भी नहीं होती है। साथ ही भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है।
जौ का करें दान:
अक्षय तृतीया पर जौ का दान करने से लोग अपने सभी पापों से मुक्त हो जाते हैं। शास्त्रों में जौ को कनक यानी सोने के समान माना गया है। इसलिए जौ का दान करने से घर में सुख- समृद्धि का वास रहता है।
अन्न का करें दान:
हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया के दिन चावल, दाल व आटा आदि का करना बेहद शुभ माना गया है। कहते हैं कि ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही अन्नपूर्णा माता की कृपा सदा बनी रहती है।
जल के पात्र का करें दान:
अक्षय तृतीया के दिन जल का दान करना भी बेहद शुभ माना जाता है। प्याऊ के लिए या लोगों के लिए पीने के साफ पानी की व्यवस्था करवा सकते हैं। पुराणों में भी लिखा है कि अक्षय तृतीया को जल का दान करना महापुण्य माना गया है। ऐसा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। कोई जल का पात्र भी दान कर सकते हैं।