वैदिक ज्योतिष के अनुसार बृहस्पति, मंगल, बुध, शुक्र और शनि मिलकर पंच महापुरुष योग बनाते हैं। कहा जाता है कि जिस किसी की भी कुंडली में यह योग होता है, ऐसा व्यक्ति भगवान कृष्ण के समान भाग्यशाली होता है। जून के महीने में एक अनोखी खगोलीय घटना होने जा रही है, जिसमें 18 साल बाद बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि पूरे महीने एक सीधी रेखा में दिखाई देंगे। ऐसे में अगर कोई इस बेहद दुर्लभ नजारे को देखना चाहता है तो इसे सुबह-सुबह भी देखा जा सकता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कहा जाता है कि जब इन पांचों में से कोई भी ग्रह मूल त्रिकोण या केंद्र में बैठा हो तो जातक का भाग्य चमकता है। पंच महापुरुष योग तब सबसे अधिक सार्थक होता है जब यह ग्रह केंद्र में स्थित हो। ज्योतिषियों का मानना है कि यह पंच महापुरुष योग भगवान श्री राम और कृष्ण की कुंडली में मौजूद था।
आपको बता दें कि 23 जून को चंद्रमा सभी ग्रहों से बड़ा दिखाई देगा। 26 जून को चंद्रमा शुक्र के पास दिखाई देगा। 27 जून को बुध ग्रह चंद्रमा के निकट दिखाई देगा। ग्रहों के बाद जून के महीने में कर्क, सिंह, कन्या, तुला और वृश्चिक को बिना दूरबीन के आकाश में देखा जा सकता है। वहीं सूर्य वृष राशि में मौजूद है जो 21 जून को मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। बुध वृष राशि में है, शुक्र मेष राशि में है, मंगल और बृहस्पति मीन राशि में है, शनि मकर राशि में है। अब सवाल यह उठता है कि क्या यह महज एक दुर्लभ खगोलीय घटना है या देश, दुनिया और आम जनजीवन पर इसका वास्तव में कोई प्रभाव पड़ेगा?
देश-दुनिया पर पड़ेगा विशेष प्रभाव
- सरकारी अधिकारियों के कुछ बेतुके बयानों से भी परेशानी होने की संभावना है।
- कृषि क्षेत्र में तेजी आएगी। चीनी, गुड़ और अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि की संभावना है।
- इन ग्रहों के इतनी सीधी रेखा में आने से इस बात की प्रबल आशंका है कि विश्व नेताओं के बीच किसी मुद्दे पर तीखी बहस हो सकती है।
- सीधी रेखा में मंगल भी शामिल है। ऐसे में मंगल के इस परिवर्तन और वृश्चिक राशि पर उसकी दृष्टि से भूमि से लाभ मिलने की प्रबल संभावना नजर आ रही है, इसलिए इस समय के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति का निवेश फायदेमंद साबित हो सकता है।
- इन ग्रहों के इतनी सीधी रेखा में आने से भूकंप और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति बन सकती है, खासकर उत्तर-पूर्व क्षेत्र में।