Mangala Gauri Vrat 2023: अधिक मास होने के कारण इस साल श्रावण मास पूरे दो माह का है। ऐसे में जहां सावन सोमवार 8 पड़ रहे हैं। वहीं, सावन के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। इस साल पूरे 9 मंगला गौरी व्रत पड़ रहे हैं। 25 जुलाई को चौथा मंगला गौरी व्रत पड़ रहा है। इसके साथ ही अधिक मास का ये दूसरा मंगला गौरी व्रत होगा। इस इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य के लिए व्रत रखती हैं। इसके साथ ही निसंतान दंपति भी इस व्रत को रख सकते हैं। आइए जानते हैं अधिक मास के दूसरे मंगला गौरी व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र।
अधिक मास का दूसरा मंगला गौरी व्रत तिथि और मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, अधिक मास का पहला मंगला गौरी व्रत 25 जुलाई को रखा जा रहा है। इस दिन सिद्ध और साध्य योग बन रहा है। सिद्ध योग दोपहर 3 बजकर 1 मिनट तक है। इसके बाद साध्य योग आरंभ हो जाएगा। इसके साथ ही सुबह 5 बजकर 58 मिनट से दोपहर 3 बजकर 9 मिनट तक द्विपुष्कर योग रहेगा।
अधिक मास के दूसरे मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि
- मंगला गौरी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद मां गौरी का मनन करते हुए व्रत का संकल्प लें।
- पूजा अर्चना आरंभ करें।
- एक लकड़ी की चौकी में लाल रंग का वस्त्र बिछाकर मां पार्वती की तस्वीर या फिर मूर्ति स्थापित करें।
- मां मंगला गौरी को फूल, माला, सिंदूर, कुमकुम, रोली, अक्षत, सोलह श्रृंगार आदि चढ़ाएं।
- एक पान में 2 लौंग, एक हरी इलायची, एक रुपए का सिक्का और बतासा रखकर चढ़ा दें।
- भोग लगातर जल चढ़ाएं।
- घी का दीपक, धूप जलाकर मां मंगला गौरी की पूजा करने के साथ मंत्र और अंत में आरती कर लें।
- अंत में भूल चूक के लिए माफी मांग लें।
- इसके बाद दिनभर व्रत रखें।
मंगला गौरी व्रत मंत्र
- सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।
- ॐ उमामहेश्वराय नम:
- ह्रीं मंगले गौरि विवाहबाधां नाशय स्वाहा ।।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
मंगला गौरी व्रत क्यों रखा जाता है?
सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और संतान प्राप्ति के लिए मंगला गौरी व्रत रखती हैं।
मंगला गौरी व्रत कब रखा जाता है?
सावन मास में पड़ने वाले हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत व्रत रखा जाता है।
मंगला गौरी व्रत में किसकी पूजा की जाती है?
मंगला गौरी व्रत में मां गौरी पार्वती की पूजा की जाती है।