Adhik Maas Amavasya 2023 Tarpan: अधिक मास की अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण और पवित्र नदी में स्नान का बहुत महत्व है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष है, तो वह इस अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करके इसे दूर कर सकता है। इस साल की अधिक मास की अमावस्या पर कई शुभ योग बन रहे हैं। पहला यह कि यह अमावस्या तीन साल बाद आती है। इसके साथ ही श्रावण मास में अधिक मास की अमावस्या पड़ रही है, जो 19 साल बाद पड़ रही है। ऐसे में इस दिन स्नान दान करने के साथ-साथ पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध करना भाग्यशाली और फलदायी हो सकता है। इस दिन पूजा करने से आपकी कुंडली से पितृ दोष जैसे जटिल दोष को खत्म करने या इसके बुरे परिणामों को कम करने में मदद मिल सकती है।

तर्पण करने का सही समय

पितृ तर्पण का सही समय: सुबह 11 बजकर 30 मिनट से दोपहर 2 बजकर 30 मिनट
पितृ दोष के मुक्ति के उपाय करने का मुहूर्त– सुबह 11 बजकर 30 मिनट से दोपहर 2 बजकर 30 मिनट के बीच

अधिक मास की अमावस्या पर ऐसे करें तर्पण

अगर आप खुद अधिक मास की अमावस्या तिथि को तर्पण करना चाहते हैं, तो इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। स्नान वाले पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिला लें। अब साफ वस्त्र धारण करके पीतल के बड़े पात्र में पितरों के लिए पानी लें और उसमें गंगाजल, काला तिल, कच्चा दूध, जौ, सफेद फूल आदि डाल दें। अब इस जल को लेकर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। इसके बाद किसी घर के सदस्य को पीतल के पात्र दें और अपने दोनों हाथों की अंजुली बना लें और थोड़ी सी कुश रख लें। इसके बाद धीरे-धीरे जल डालते हुए 11 बार तर्पण करें। इसके साथ ही मन में पितरों का नाम लेते हुए शांति की कामना करते हुए बोले- हे पितृगण! पूरी श्रद्धा से आप सभी पितरों का तर्पण कर रहा हूं। आप सभी इससे तृप्त हों और यह प्रार्थना स्वीकार करें।

ये मंत्र बोलें (Tarpan Ka Mantra)

तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः। (जिस पूर्वज का श्राद्ध आप कर रहे हैं, उनका नाम और गोत्र का नाम पहले ले लें और फिर मंत्र का जाप करें)

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