Adhik Maas Amavasya 2023: हिंदू धर्म में श्रावण मास का विशेष महत्व है। श्रावण मास में भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखे का विधान है। हिंदू पंचांग के अनुसार, ऐसा करीब 19 साल बाद हुआ है कि सावन 30 दिन के बजाय पूरे 59 दिन के पड़ रहे हैं। इसके साथ ही सावन सोमवार पूरे 8 पड़ रहे हैं। दरअसल, हर तीन साल के बाद एक अधिक महीना होता है। इसे अधिक मास, मलमास या फिर पुरुषोत्तम मास के नाम से जाना जाता है। पूरे एक मास अधिक मास रहने के साथ 16 अगस्त को अमावस्या के साथ समाप्त हो रहा है। शिवपुराण के अनुसार, 16 अगस्त के दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ इस एक चीज को अर्पित करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
16 अगस्त को बन रहा दुर्लभ योग
हिंदू पंचांग के अनुसार, 15 अगस्त, मंगलवार को दोपहर 12 बजकर 42 मिनट से अमावस्या तिथि आरंभ हो रही है, जो 16 अगस्त, बुधवार को दोपहर 3 बजकर 7 मिनट को समाप्त हो रही है। ऐसे में अधिक मास की अमावस्या 16 अगस्त को पड़ रही है। अधिक मास की अमावस्या समाप्त होने के साथ श्रावण मास आरंभ का संजोग बन रहा है। दोनों तिथि एक साथ होने से काफी शुभ माना जा रहा है।
शिव पुराण के अनुसार, श्रावण के महीने में भगवान शिव और माता पार्वती पृथ्वी पर निवास करते हैं। इसलिए इस मास में पूजा करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही अधिक अमावस्या तिथि पड़ने के कारण पितरों का भी आशीर्वाद मिलता है।
16 अगस्त को शिव जी को चढ़ाएं ये खास चीज
16 अगस्त यानी अधिक मास की अमावस्या तिथि के दिन शिव जी और पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए शिवलिंग में एक लोटे जल के साथ एक पीले कनेर का फूल अवश्य चढ़ाएं।
पीला कनेर भगवान शिव को अति प्रिय है। कनेर का फूल शिवलिंग पर चढ़ाने से धन- वैभव की बढ़ोतरी होती है। इसके साथ ही घर से दरिद्रता का नाश होता है। इसके साथ ही घर में सुख-सौभाग्य, शांति बनी रहती है।
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