Astro Tips: अगर व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक रहता है, तो वह हर एक काम करने में सक्षम रहता है। इसके साथ ही वह अपने सपनों को साकार करने के साथ सुख-समृद्धि पाता है। लेकिन जब वह रोगों से ग्रसित रहता है, तो वह पूरी तरह से टूट जाता है। शारीरिक, मानसिक के साथ-साथ आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई बार अधिक इलाज कराने के बाद भी बीमारियां पीछा नहीं छोड़ती है।

शास्त्रों के अनुसार, कई बार ऐसा हमारे आसपास मौजूद नकारात्मक ऊर्जा, बुरी नजर आदि के कारण भी होता है। शिव महापुराण और स्कंद पुराण में कुछ ऐसे ही उपायों के बारे में बताया गया है जिन्हें अपनाकर व्यक्ति निरोग रह सकता है।

शिव महापुराण में पुरुषोत्तम माह का वर्णन किया गया है। इ्न्हीं पुराणों में एक ऐसे उपाय के बारे में बताया गया है। जिसे करने से व्यक्ति को हर एक रोग से मुक्ति मिल सकती है। हिंदू धर्म में अधिक मास का विशेष महत्व है, क्योंकि यह तीन साल के बाद आता है। इस साल 18 जुलाई से लेकर 16 अगस्त तक अधिक मास पड़ रहा है। इस दौरान भगवान विष्णु के साथ शिव जी की पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। जानिए अधिक मास की नवमी तिथि को कौन सा उपाय करने से व्यक्ति हर तरह की बीमारियों से छुटकारा पा सकता है।

अधिकमास की नवमी तिथि कब?

हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण अधिक मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि 9 अगस्त को सुबह 3 बजकर 52 मिनट से शुरू हो रही है, जो 10 अगस्त को सुबह 4 बजकर 11 मिनट पर समाप्त हो रही। ऐसे में नवमी तिथि 9 अगस्त 2023, बुधवार को पड़ रही है।

अधिकमास की नवमी तिथि को ऐसे करें दीपक से उतारा

शिव महापुराण के अनुसार, अधिक मास की नवमी तिथि को आटा का एक दीपक बना लें और उसमें 4 रुई की बत्ती लगाकर तिल का तेल डाल लें। इसके बाद शाम को करीब छह से साढ़े छह के बीच में घर का जो सदस्य बीमार है उसे घर के बाहर चौखट से कुछ दूर पर बैठा दें। इसके बाद 21 बार ऊपर से लेकर नीचे तक उतारा करें। उतारा करते समय भगवान नरसिंह भगवान का ध्यान करते हुए अधिक मास की नवमी तिथि बोलने के साथ व्यक्ति का नाम और गोत्र का नाम लेकर उतारा कर करें। इसके बाद इस दीपक को घर की चौखट के बीचो-बीच रख दें। ऐसा करने से व्यक्ति को हर तरह की बीमारियों से निजात मिल सकती है। 

डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।