Adhik Maas 2023 2023: आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि यानी देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु अगले चार मास के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। चार मास के इस काल को चातुर्मास कहा जाता है। इसके अलावा इसे मलमास , पुरुषोत्तम और अधिक मास के नाम से भी जानते हैं। भगवान विष्णु के शयन काल के समय भगवान शिव सृष्टि का संचार करते हैं। ऐसे में शादी-विवाह, मुंड, गृह प्रवेश सहित अन्य शुभ या मांगलिक कार्य पर ब्रेक लग जाता है। इस साल का चातुर्मास काफी खास है, क्योंकि 4 मास नहीं बल्कि पूरे 5 मास के अधिकमास पड़ रहे हैं। जानिए तिथि से लेकर इसका कारण।
कब से कब तक चातुर्मास 2023?
हिंदू पंचांग के अनुसार, चातुर्मास 29 जून, गुरुवार देवशयनी एकादशी से आरंभ हो रहा है, जो 23 नवंबर, गुरुवार को देवुत्थान एकादशी के दिन समाप्त हो जाएंगे। इस साल अधिक मास श्रावण मास से लग रहे हैं। इसलिए इसे श्रावण अधिक मास कहा जाएगा।
क्यों पड़ रहे हैं इस साल 13 माह?
हिंदू नव संवत्सर के हिसाब से इस साल 13 महीने का होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, मलमास हर तीन साल में एक बार आता है। दरअसल, सूर्य साल 365 दिन और 6 घंटे का होता है। जबकि चंद्र वर्ष 354 दिनों का माना जाता है। ऐसे में दोनों वर्षों के बीच लगभग 11 दिनों का अंतर होता है। हर साल घटने वाले इन 11 दिनों को जोड़ा जाए, तो पूरा एक माह बन जाता है। इस अंतर को खत्म करने के लिए चंद्र मास हर तीन साल में एक बार अस्तित्व में आता है। इसी के कारण इसे अधिक मास कहा जाता है।
19 साल बाद बन रहा है ऐसा संयोग
ज्योतिषों के अनुसार, ऐसा संयोग करीब 19 साल बाद बन रहा है जब अधिक मास 5 माह का हो रहा है। ऐसा संयोग पहले 1947, 1966, 1985 और 2004 में बना था।
2 मास का श्रावण मास
हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2023 काफी खास है, क्योंकि इस साल 12 नहीं बल्कि 13 मास पड़ रहे हैं। दरअसल, अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, जनवरी से लेकर दिसंबर तक 12 माह पड़ते हैं। वहीं, हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हिंदू नववर्ष की शुरुआत चैत्र मास से होती है जिसके बाद वैशाख, ज्येष्ठा, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन मास पड़ते हैं। लेकिन इस साल श्रावण मास पूरे 2 माह पड़ेगे। इस कारण पूरे 13 मास पड़ रहे हैं।
क्यों पड़ेगा 5 माह का चातुर्मास?
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, चातुर्मास 4 माह को कहा जाता है। लेकिन इस साल सावन माह 2 माह पड़ने के साथ मलमास 5 माह का पड़ रहा है। ऐसे में भगवान विष्णु योग निद्रा में रहेंगे। जिसके कारण पूरे 5 माह मांगलिक और शुभ कामों में पाबंदी लग जाएगी। चातुर्मास में श्रावण, भादो, आश्विन और कार्तिक मास आते हैं। लेकिन इस बार श्रावण दो मास का पड़ रहा है।