Chanakya Niti On Secrets of Life: महान नीतिशास्त्री और अर्थशास्त्री चाणक्य की बातों का आज के समय में भी उतना ही महत्व है। विद्वान मानते हैं कि उनकी प्रखर बुद्धि व कुशल नीतियों के कारण ही चंद्रगुप्त मौर्य को राजा का पद मिल सका था। आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन के अनुभव, मूल्य, बु्द्धिमता व आदर्शों को अपनी नीति पुस्तक में शामिल किया है। चाणक्य नीति में केवल आर्थिक ही नहीं, बल्कि गृहस्थ जीवन से जुड़ी व व्यावहारिक ज्ञान भी प्राप्त की जा सकती है। आचार्य के अनुसार व्यक्ति को अपने जीवन की कुछ बातों को अपने तक ही सीमित रखना चाहिए। इन्हें दूसरों के साथ साझा करने से मनुष्य का नुकसान हो सकता है। आइए जानते हैं –

अर्थनाशं मनस्तापं गृहे दुश्चरितानि च। 
वञ्चनं चापमानं च मतिमान्न प्रकाशयेत्॥

चाणक्य इस श्लोक में कहते हैं कि जीवन में धन की हानि मनुष्य को कभी न कभी जरूर होती है। हालांकि, उनके अनुसार जिस व्यक्ति को पैसों का नुकसान हुआ हो, उसे इस बारे में किसी को भी नहीं बताना चाहिए। वो ऐसा इसलिए कहते हैं क्योंकि उनका मानना है कि नुकसान की बात सुनकर कोई मदद करने तो नहीं आएगा बल्कि आपसे दूरी बना लेगा।

आचार्य चाणक्य उस व्यक्ति को समझदार कहते हैं जो अपनी पत्नी के चरित्र के बारे में किसी से कोई चर्चा नहीं करता है। जीवनसाथी से हुई बहस, कोई विवाद या झगड़े के बारे में अगर आप किसी और के सामने जिक्र करेंगे तो उससे आपको केवल नुकसान होगा। इससे लोग न सिर्फ उस व्यक्ति की पत्नी का मजाक उड़ाएंगे बल्कि दांपत्य जीवन सुखी होने के बाद भी इस बात की उलाहना देंगे।

कौटिल्य के मुताबिक व्यक्ति को अपने दुख का ढिंढोरा नहीं पीटना चाहिए, बल्कि उसे खुद तक ही सीमित रखना चाहिए। आचार्य कहते हैं कि किसी भी व्‍यक्‍ति को दूसरे की परेशानियों से कोई मतलब नहीं होता है। उनसे संवेदनाएं बेशक सामने दिखा दें पर पीठ पीछे उस दुखी व्यक्ति की लोग खिल्ली उड़ाते हैं।

अगर कोई व्यक्ति किसी मूर्ख इंसान द्वारा बेइज्जत हुआ हो, तो इस घटना को उसे सार्वजनिक नहीं करना चाहिए। इससे आपके मान-सम्मान में गिरावट तो होगी ही, साथ ही लोग आपका मजाक भी उड़ाएंगे।

चाणक्य कहते हैं कि यदि किसी ने आपको ठगा हो, तो भी दूसरों के सामने इसका जिक्र न करें। नहीं तो लोग आपकी बुद्धिमता पर सवाल खड़े कर सकते हैं या आगे चलकर आपको ठगने का प्रयत्न भी कर सकते हैं।