Neelam Stone Benefits: नीलम शनि का रत्न है। इसे ब्लू सेफायर भी कहते हैं। ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार अगर ये रत्न किसी व्यक्ति को सूट कर जाए तो ये उसकी जिंदगी बदल देता है। इसके शुभ प्रभाव से व्यक्ति की तरक्की होने लगती है। लेकिन अगर ये सूट न करें तो इसके नकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं। जानिए जीवन में सुख-समृद्धि लाने वाले इस रत्न को किसी धारण करना चाहिए और किसे नहीं।

नीलम रत्न के लाभ:
-नीलम रत्न शनि की बुरी दशा से बचाता है। कहते हैं इस रत्न को धारण करने से शनि साढ़े साती और शनि ढैय्या से राहत मिलती है।
-नीलम रत्न प्रसिद्धि दिलाता है और भाग्य में वृद्धि करता है।
-नीलम रत्न कमजोर शनि को मजबूत करता है जिससे व्यक्ति को धन कमाने के अनेकों अवसर प्राप्त होते हैं।
-रोगियों के लिए नीलम रत्न बहुत फायदेमंद माना जाता है। खासकर हड्डियों के दर्द, दांत के दर्द व दमा के रोग से पीड़ित जातकों के लिए ये रत्न फायदेमंद साबित होता है।
-इस रत्न को पहनने से नौकरी और व्यापार में तरक्की के रास्ते खुलते हैं।

किन्हें पहनना चाहिए ये रत्न: नीलम रत्न मकर, कुंभ, वृष और तुला राशि वालों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। नीलम रत्न इन राशि वालों के लिए भाग्य की प्रगति के द्वार खोलता है। मकर और कुंभ लग्न के लोग नीलम धारण कर सकते हैं। जिनकी कुंडली में शनि कमजोर, वक्री, अस्त हैं और शुभ भाव में बैठे हैं तब भी नीलम रत्न धारण किया जा सकता है। शनि चौथे, पांचवें, दशवें और 11वें भाव में हों तो भी नीलम पहनना चाहिए। शनि की महादशा, अन्तर्दशा, साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो तो भी नीलम धारण कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि नीलम बिना ज्योतिषीय सलाह के धारण न करें। (यह भी पढ़ें- 5 राशि वालों पर है शनि की टेढ़ी नजर, जानिए इनमें से किन 3 राशि वालों को शनि के प्रकोप से मिलेगी मुक्ति)

किन्हें नहीं पहनना चाहिए नीलम रत्न: ज्योतिष अनुसार मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन राशि वालों को नीलम रत्न पहनने से बचना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र अनुसार शनि-राहु और शनि मंगल कुंडली के छठवें, आठवें और बारहवें स्थान पर स्थित हों तो भी नीलम रत्न धारण नहीं करना चाहिए। शनि ग्रह का सूर्य, चन्द्र, मंगल से युति या दृष्टि संबंध हो तो भी नीलम धारण नहीं करना चाहिए।