Chanakya Niti in Hindi : आचार्य चाणक्य ने मानव समाज के कल्याण के लिए कई ऐसी नीतियां बनाई हैं जो जीवन के हर मोड़ पर कारगर सिद्ध होती है। चाणक्य को एक महान अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ का दर्जा दिया गया है। इसी के साथ वे एक श्रेष्ठ गुरु भी थे क्योंकि उन्होंने अपने मार्गदर्शन से चंद्रगुप्त मौर्य को राजा बना दिया। जिससे मौर्यवंश की स्थापना हुई। चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ में बहुत सी बातें बताई हैं लेकिन यहां आप जानेंगे चाणक्य ने किन 6 चीजों को रिश्तेदार मानने पर मोक्ष मिलने की बात कही है। जानें इस श्लोक से…
सत्यं माता पिता ज्ञानं धर्मो भ्राता दया सखा।
शान्तिः पत्नी क्षमा पुत्रः षडेते मम बान्धवाः॥

– आचार्य इस श्लोक के माध्यम से कहते हैं कि सच बोलने वाले की हमेशा विजय होती है। जो व्यक्ति सत्य को अपनी माता बना लेता है, उसके रास्ते खुद ब खुद बनते जाते हैं। सच बोलने वाले व्यक्ति की हर जगह सराहना होती है।

– दूसरी चीज जिसे हर व्यक्ति को अपना रिश्तेदार मानना चाहिए वो है ज्ञान। चाणक्य कहते हैं कि ज्ञान को हमेशा पिता के समान मानना चाहिए। धन तो आता-जाता रहता है, लेकिन ज्ञान एक ऐसी चीज है जो हमेशा आपके पास रहती है।

– चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति अच्छे कर्म करते हुए धर्म का संचय करता है, उसका जन्म सफल होता है। धर्म मनुष्य जीवन को सकारात्मक बनाता है। इसलिए धर्म को हमेशा भाई की तरह मानना चाहिए।

– चाणक्य ने दया को मित्र समान मानने की बात कही है। क्योंकि प्राणी मात्र पर दया करने वाला व्यक्ति कभी गलत कर्म नहीं कर सकता है।

– किसी भी व्यक्ति को हमेशा शांत और संतोष स्वभाव का होना चाहिए। क्योंकि शांत मन से ही कोई भी कार्य अच्छे से पूरे किये दा सकते हैं। जो व्यक्ति शांति को पत्नी की तरह अच्छे से रखता है, उसे जीवन में किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।

– श्लोक के अंत में चाणक्य ने क्षमा यानी किसी की गलती को माफ कर देना बड़ा पुण्य माना है। जो व्यक्ति क्षमा को संतान के समान मानता है तो उसे जीवन में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है। इसलिए अपनी गलतियों की क्षमा मांगने में कभी देरी नहीं करनी चाहिए।