Aadi Amavasya 2023 Date: हिंदू धर्म में आदि अमावस्या का विशेष महत्व है। आमतौर पर आदि अमावस्या तमिल लोग मनाते हैं। आदि तमिल कैलेंडर का चौथा महीना है। आदि अमावसई अपने पूर्वजों का सम्मान करने और उनका शाश्वत आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पितृ तर्पण करने के लिए तीन सबसे शक्तिशाली अमावस्या में से एक माना जाता है। यह हर साल जुलाई से अगस्त के बीच आती है। इस दिन तमिल लोग अपने पितरों को याद करके तर्पण, श्राद्ध आदि किया जाता है। इस दिन स्नान, दान का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन तमिलनाडु जाकर लोग अपने पूर्वजों का श्राद्ध करते हैं और पितृदोष से मुक्ति पाते हैं। आइए जानते हैं आदि अमावस्या की की तिथि और महत्व।

कब है आदि अमावस्या 2023? (When Is Aadi Amavasya 2023)

हिंदू पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि 15 अगस्त को दोपहर के 12 बजकर 03 मिनट पर शुरू हो रही है, जो 16 अगस्त को दोपहर 2 बजकर 01 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। इसलिए आदि अमावस्या 15 अगस्त 2023 को रविवार को पड़ रही है।

आदि अमावस्या 2023 का महत्व (Signification Of Aadi Amavasya 2023)

हिंदू धर्म में आदि अमावस्या का विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आदि अमावस्या पर सूर्य और चंद्रमा एक की राशि में आ जाते हैं। मान्यता है कि आदि माह के दौरान सूर्य दक्षिण की ओर अपनी गति शुरू कर देते हैं, जिसे ‘दक्षिणायण’ कहा जाता है। चूंकि यह दक्षिणायन के दौरान पहली अमावस्या होती है। इसलिए इसे पितृ अनुष्ठान करने के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन पितरों का श्राद्ध करने से वह जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। इसके साथ ही श्राद्ध से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन दैवीय शक्तियां पृथ्वी को कृपा प्रदान करती हैं। इस पवित्र दिन पर अपने पूर्वजों के लिए पितृ तर्पण करने से उनकी आत्मा को मोक्ष मिलता है और आपको आशीर्वाद मिलता है।

आदि अमावस्या के दिन जरूर करें ये काम (Do These Things On Aadi Amavasya 2023)

  • आदि अमावस्या के दिन अनुष्ठान करने से जीवन में खुशियां ही खुशियां आती है। इसके साथ ही आर्थिक स्थिति सही होती है।
  • गरुड़ पुराण के अनुसार, आदि अमावस्या के दिन जल में तिल मिलाकर सूर्य की तरफ मुख करके अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से पितरों से संतान प्राप्ति, सुख-समृद्धि, धन-दौलत की प्राप्ति से लेकर दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है।
  • इस दिन भगवान मुरुगा की पूजा करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
  • इस दिन खीर बनाकर पूर्वजों के लिए जरूर निका लें। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होगा। बाद में इस खीर को गाय को खिला दें।
  • आदि अमावस्या के दिन दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन जरूरतमंद या फिर गरीबों को वस्त्र, अन्न और जरूरत की चीजों का अवश्य दान करें। इससे वब आपको दुआ देंगे। इसके साथ ही पूर्वज भी प्रसन्न होंगे।