12 Jyotirlinga: भारत एक ऐसा देश है जहां धर्म और आस्था की गहरी जड़ें हैं। यहां हर कोने में आपको मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे,चर्च आदि देखने को मिल जाएंगे। लेकिन अगर बात भगवान शिव की हो, तो उनकी भक्ति का रंग कुछ अलग ही होता है। भोलेनाथ के भक्तों के लिए सबसे पवित्र माने जाते हैं उनके 12 ज्योतिर्लिंग। हिंदू धर्म में इन 12 ज्योतिर्लिंगों का महत्व सबसे अधिक है। कहा जाता है कि इन ज्योतिर्लिंगों में भगवान शिव स्वयं ज्योति के रूप में विराजमान हैं। ये ज्योतिर्लिंग भारत के अलग-अलग राज्यों में स्थित हैं और हर साल लाखों श्रद्धालु इनके दर्शन करने आते हैं। ऐसे में अगर आप भोलेनाथ के इन 12 ज्योतिर्लिंगों का दर्शन करना चाहते हैं तो इससे पहले आपको पता होना चाहिए कि इनका नाम क्या है और ये कहां स्थित है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कहां स्थित है शिव के 12 ज्योतिर्लिंग साथ ही जानिए उनके नाम।
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरात ( Somnath Jyotirlinga )
सबसे पहले बात करते हैं सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की, यह ज्योतिर्लिंग सबसे पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। सोमनाथ मंदिर गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित है। यह मंदिर कई बार विदेशी आक्रमणों में नष्ट हुआ, लेकिन हर बार इसे फिर से बनाया गया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब दक्ष प्रजापति ने चंद्रमा को क्षय रोग होने का श्राप दिया था, तब चंद्रमा ने यहां तपस्या कर अपने इस श्राप से मुक्ति पाई थी। आपको बता दें कि सोमनाथ मंदिर का वातावरण भक्तिमय और बेहद शांतिपूर्ण है।
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, आंध्र प्रदेश (Sri Mallikarjuna Swamy Temple)
अब बात करते हैं मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के बारे में… यह ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश के श्रीशैल पर्वत पर स्थित है। इसे दक्षिण का कैलाश भी कहा जाता है। यहां आने वाले भक्त मानते हैं कि मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के दर्शन से सभी पाप धुल जाते हैं। पर्वत की खूबसूरती और यहां की शांति मन को सुकून देती है। आपको बता दें कि इस मंदिर का गर्भगृह काफी छोटा है, इसलिए एक बार में अधिक भक्त यहां नहीं जा सकते हैं।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश (Shri Mahakaleshwar Jyotirlinga Temple)
मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी कही जाने वाली उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। यहां की भस्म आरती दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यह आरती सुबह-सुबह होती है और इसे देखने के लिए श्रद्धालु रात से ही लाइन में लग जाते हैं। उज्जैन के लोग भगवान महाकाल को अपना राजा मानते हैं।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश (Shri Omkareshwar Jyotirlinga Temple)
यह ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के इंदौर के पास नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। यहां नर्मदा नदी का प्रवाह ‘ॐ’ का आकार बनाता है। इस ज्योतिर्लिंग को देखकर लगता है कि भगवान शिव की शक्ति हर जगह फैली हुई है। आपको बता दें कि यह ज्योतिर्लिंग औंकार अर्थात ऊं का आकार लिए हुए है, इसलिए इसे ओंकारेश्वर नाम से जाना जाता है।
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तराखंड (Shri Kedarnath Jyotirlinga Temple)
भगवान शिव के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ भी है। उत्तराखंड के हिमालय में स्थित केदारनाथ ज्योतिर्लिंग समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर है। यहां तक पहुंचने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है। केदारनाथ मंदिर का वातावरण बेहद पवित्र और आध्यात्मिक होता है। यहां की ठंडी हवा और बर्फ से ढके पहाड़ भक्तों को अलग ही अनुभव देते हैं। केदारनाथ भगवान शिव को अत्यंत प्रिय तीर्थ माना जाता है। आपको बता दें कि यह मंदिर अक्षय तृतीय से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक ही खुला रहता है।
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र (Bhimashankar Temple)
महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग सह्याद्रि पर्वत पर स्थित है। इसे ‘मोटेश्वर महादेव’ भी कहा जाता है। मान्यता है कि यहां दर्शन करने से सात जन्मों के पाप खत्म हो जाते हैं। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य भी देखने लायक है।
काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तर प्रदेश (Shri Kashi Vishwanath Temple)
विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग को भगवान शिव का सबसे प्रिय स्थान माना जाता है। इस स्थान कि मान्यता है कि प्रलय के समय भी काशी का अस्तित्व बना रहेगा।
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र (Trimbakeshwar Jyotirling Temple)
महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग गोदावरी नदी के पास है। यहां से गोदावरी नदी की उत्पत्ति होती है। यह स्थान अपने प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, झारखंड (Shree Baba Baidyanath Jyotirlinga Mandir Deoghar)
झारखंड के देवघर में स्थित वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग को ‘बाबा वैद्यनाथ धाम’ भी कहा जाता है। यहां भगवान शिव को ‘वैद्य’ के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि यहां दर्शन करने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, गुजरात (Shri Nageshwar Jyotirlinga Temple)
गुजरात के द्वारका के पास स्थित नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का अर्थ है ‘नागों का ईश्वर’। यह ज्योतिर्लिंग शिव भक्तों के लिए बहुत खास है। यहां की शांति और आध्यात्मिकता मन को सुकून देती है।
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग, तमिलनाडु (Rameshwaram Jyotirlinga)
तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थित यह ज्योतिर्लिंग चार धामों में से एक है। कहा जाता है कि भगवान राम ने लंका जाने से पहले यहां शिवलिंग की स्थापना की थी। रामेश्वरम का समुद्र तट और मंदिर का माहौल भक्तों को मंत्रमुग्ध कर देता है।
घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र (Shree Ghushmeshwar Mahadev Jyotirling Mandir)
महाराष्ट्र के औरंगाबाद के पास स्थित घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से अंतिम है। यहां आने वाले भक्तों को आत्मिक शांति मिलती है। यह स्थान शिव भक्ति के लिए बहुत प्रसिद्ध है।
ज्योतिर्लिंगों का महत्व (Jyotirlinga Importance)
भगवान शिव के इन 12 ज्योतिर्लिंगों का महत्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक भी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यहां जाकर व्यक्ति को अपने जीवन के दुखों से मुक्ति मिलती है और मन को शांति मिलती है। हर ज्योतिर्लिंग की अपनी अलग कहानी और महत्व है।
कैसे करें यात्रा की योजना
अगर आप सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करना चाहते हैं, तो पहले उनकी लोकेशन के बारे में जानकारी लें। हर ज्योतिर्लिंग के आसपास रुकने और खाने की अच्छी व्यवस्था है। यात्रा की शुरुआत मौसम को ध्यान में रखकर करें, ताकि आपको किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
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