Work-Life Balance Tips By Gurudev Sri Sri Ravi Shankar: आजकल की भागदौड़ भरी लाइफ में हर व्यक्ति इतना ज्यादा फंस चुका है कि वह काम और जीवन के बीच एक संतुलन बना पाने में असमर्थ है। हर किसी को अपनी वीकेंड की छुट्टी का इंतजार होता है। उन्हें लगता है कि इन एक या फिर दो दिनों की छुट्टी में वह अपने जीवन को बेहतर कर लेंगे। लेकिन कई बार वर्क और पर्सनल लाइफ में इतना ज्यादा प्रेशर पड़ जाता है कि व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक तनाव का सामना करना पड़ता है। ऐसे में हम कई बार वर्क लाइफ के चलते पर्सनल लाइफ से समझौता सा कर लेते हैं और यहीं सब हमें एंजाइटी, डिप्रेशन, स्ट्रेस जैसे न जाने कितनी अनगिनत बीमारियों का शिकार बना देते हैं। लेकिन ऐसे में ये मुद्दा उठता है कि आखिर कैसे आप काम और अपनी पर्सनल लाइफ के बीच संतुलन बना सकते हैं? ऐसे में गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी ने कुछ ऐसे टिप्स दिए है जिन्हें आप अपनाकर आसानी से वर्क लाइफ बैलेंस कर सकते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में…
गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी के इन टिप्स से करें वर्क लाइफ बैलेंस
1-जो चीज आपका संतुलन बिगाड़ती है वह आपका अहंकार है। अहंकार ही वह कारण है जिसके कारण बहुत सी चीज़ें टूटती हैं और बहुत सी चीज़ें बनती हैं। यदि आप किसी का अहंकार बढ़ाते हैं, तो वह कुछ अच्छा काम कर सकता है और यदि आप किसी का अहंकार तोड़ते हैं, तो वह अन्य चीजें भी तोड़ सकता है।
2- अपने जीवन में परिवार,समाज और कार्य के मध्य संतुलन रखें- कुछ लोग बहुत अधिक सामाजिक कार्य करते हैं और परिवार की उपेक्षा करते हैं। जबकि कुछ लोग अपने परिवार में इतने फंसे हुए हैं कि उनकी दुनिया उनके घर की चारदीवारी से आगे नहीं जाती; दोनों अपनी पूरी क्षमता का उपयोग नहीं कर रहे हैं।
3- आपको यह मानना चाहिए कि आपके पास पर्याप्त समय है क्योंकि जब आप ऐसा सोचते हैं कि आपके पास समय की कमी है, तो वह अपने आप में एक अवरोध बन जाता है।
4- काम करते समय जुनून की भावना, ध्यान करते समय वैराग्य की भावना और हर समय करुणा की भावना एक समृद्ध जीवन की चाबी है।
5- क्या आप साइकिल चलाना जानते हैं? आप जैसे इसे संतुलित करते हैं, उसी प्रकार अपने जीवन को भी संतुलित करें। जीवन में भौतिक और आध्यात्मिक जीवन दोनों को साथ लेकर चलें।
6- गतिविधि में संतुलन, भोजन में संतुलन और आपके आराम, आपकी नींद में संतुलन, आपके भीतर समता लाएगा।
7- जीवन में अच्छे और बुरे समय आएंगे लेकिन आपको खुद को संतुलित रखना चाहिए।
8- जीवन स्वेच्छा और योजना के बीच का संतुलन है। आप हर समय स्वेच्छा से नहीं रह सकते और हर समय योजना बनाने में भी अटके नहीं रह सकते।
9- जीवन रचनात्मकता और उत्पादकता दोनों का संतुलन है। आप एक महान विचार लेकर आ सकते हैं लेकिन उस विचार को साकार करने के लिए आपको अनुशासन की आवश्यकता है।
10- थोड़ा संवेदनशील बनें और थोड़ा समझदार बनें। आपको दोनों का सही संतुलन चाहिए, तभी सब कुछ ठीक हो रहेगा।