उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है। एक युवक ने आरोप लगाया है कि बीते मंगलवार (11 सितंबर) को वह अपने भाई के साथ साहिबाबाद की डिफेंस कॉलनी में स्थित शिव मंदिर में हनुमान जी को चोला चढ़ाने गया था। लेकिन यहां उसे मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया गया। उसके साथ जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया गया। कहा गया कि वह अपना चोला पंडित जी को दे दे, वहीं चढ़ा देंगे। यही नहीं, उसके साथ मारपीट भी की गई। इससे वह जख्मी हो गया। युवक ने इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस से भी की, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई। आखिरकार उसने अपने भाई के साथ रविवार को नवयुग मार्केट स्थित आंबेडकर पार्क में बाबा साहब की प्रतिमा के सामने बौद्ध धर्म अपना लिया। इस दौरान वहां काफी संख्या में बौद्ध धर्म के अनुयायी मौजूद रहे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साहिबाबाद स्थित डिफेंस कॉलोनी में रहने वाले हिमांशु कुमार अपने भाई अरूण के साथ हनुमान जी को चोला चढ़ाने गए थे। यहां उनके साथ दुर्व्यवहार और मारपीट किया गया। धक्का देकर मंदिर से बाहर निकाल दिया गया। जब हिमांशु ने इसकी शिकायत काॅलोनी के लोगों से की तो सभी मंदिर गए और पुजारी से माफी मांगने को कहा। लेकिन पुजारी ने माफी मांगने से इंकार कर दिया। इसके बाद काॅलनी के लोगों ने एक बैठक की और इसमें पुजारी को मंदिर से हटाने का फैसला लिया गया। इस पूरे मामले पर पुजारी का कहना है कि उसकी बातों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।
हिमांशु का कहना है कि उसने इस पूरे मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस को भी दी। लेकिन पुलिस द्वारा किसी तरह की कार्रवाई न करने के बाद उनलोगों ने धर्म परिवर्तन करने का निश्चय किया। रविवार को नवयु मार्केट स्थित आंबेडकर पार्क में बौद्ध धर्म अपना लिया। बौद्ध धर्म के प्रचारक के सामने सभी ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली। भगवान बुद्ध के बताए रास्तों पर चलने का निर्णय लिया। धर्म परिवर्तन के बाद हिमांशु का कहना है कि जिस धर्म में इज्जत ही न मिले, वहां रहने का क्या मतलब। बौद्ध धर्म में ऊंच-नीच नहीं है। यहां सभी एक समान है।
