सियासत के मैदान में भगवानों पर बयानबाजी का सिलसिला अब भी जारी है। राजस्थान विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान योगी आदित्यनाथ ने हनुमान को दलित-वंचित बताया था। इसके बाद हनुमान को जाट, गुलाम, आदिवासी और आर्य भी कहा गया है। ताजा बयान में उन्हें खिलाड़ी बताया गया है। यह बयान योगी सरकार के खेल मंत्री और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान ने दिया है।

‘योगी ने दलित बताया, चौहान बोले- उनकी कोई जाति नहीं’

चौहान ने कहा, ‘हनुमान जी सभी खिलाड़ियों के इष्ट हैं और भगवान की कोई जाति नहीं होती है। हनुमानजी कुश्ती लड़ते थे। खिलाड़ी भी थे। जितने भी पहलवान लोग हैं उनकी पूजा करते हैं। मैं उनको वही मानता हूं। हमारे इष्ट हैं। भगवान की कोई जाति नहीं होती है। खिलाड़ी लोग शक्ति की पूजा करते हैं। खिलाड़ियों को शक्ति और ऊर्जा की आवश्यकता होती है। हनुमान शक्ति के पूरक थे। जिस तरह साधु-संत की कोई जाति नहीं होती है, फकीर की भी कोई जाति नहीं होती है, उसी प्रकार हनुमान की भी कोई जाति नहीं है।’

अब तक हनुमान को किसने क्या बताया…

योगी आदित्यनाथ ने दलित-वंचित बताया था।

भाजपा की बागी सांसद सावित्री बाई फुले ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि मनुवादी राम ने दलित हनुमान को गुलाम बनाया था।

उत्तर प्रदेश सरकार में धार्मिक कार्य मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने हनुमान को जाट बताया था।

– राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने हनुमान को आदिवासी बताया था।

– केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा कि हनुमान आर्य थे।