गोरखपुर के बीआरडी कॉलेज से निलंबित चल रहे कफील खान के लिए राहत की खबर है। राज्य सरकार ने कफील खान के खिलाफ दोबारा विभागीय जांच के आदेश को वापस ले लिया है। सरकार इसकी जानकारी इलाहाबाद हाई कोर्ट को भी दे चुकी है। अब कफील खान की बहाली पर तीन महीनों के अंदर फैसला लेना होगा। एडिशनल एडवोकेट मनीष गोयल ने शुक्रवार को हाई कोर्ट को बताया कि 24 फरवरी 2020 को पुन जांच के आदेश को वापस ले लिया गया है। बालरोग विशेषज्ञ खान ने एक याचिका दायर कर अपने निलंबन को चुनौती दी थी।
बताते चलें कि अप्रैल 2019 की एक रिपोर्ट में डॉक्टर कफील खान की लापरवाही के कोई सबूत नहीं मिले थे। इस रिपोर्ट के बाद उनके ऊपर दोबारा जांच के आदेश दिए गए थे। याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि इतने लंबे समय तक निलंबित क्यों रखा गया, जबकि इस मामले से जुड़े अन्य 7 लोगों को बहाल कर दिया गया।
हाई कोर्ट ने इस मामले में 29 जुलाई को सुनवाई की थी और सरकार से जवाब मांगा था। AAG ने दाखिल अपने जवाब में कहा कि तीन महीने के भीतर डॉ खान के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही को खत्म करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे”।
जस्टिस यशवंत वर्मा ने कहा कि अब कोर्ट को याचिकाकर्ता को 22 अगस्त 2017 को पारित एक आदेश के अनुसार निलंबन को जारी रखने के औचित्य पर विचार करना होगा।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि रिट याचिका के पैराग्राफ 54 में यह खुलासा किया गया है कि शुरुआत में 9 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। याचिकाकर्ता के साथ निलंबित किए गए लोगों में से सात लोगों के खिलाफ जारी कार्रवाई समाप्त होने उन्हें बहाल कर दिया गया था। मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होनी है।
गौर हो कि अगस्त 2017 में गोरखपुर के BRD कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के कारण 60 बच्चों की जान चली गई थी। इस मामले में डॉक्टर कफील खान को निलंबित कर दिया गया था। कफील के साथ कुल 9 लोगों पर लापरवाही का आरोप लगा था। अपने निलंबन को लेकर कफील ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से भी मदद मांगी थी।