योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश की नौकरशाही को लेकर बड़ा फैसला लिया है। यूपी के सभी डीएम और कमिश्नर को अपने-अपने जिलों में रोजगार के नए अवसर और निवेश को लेकर रिपोर्ट देनी होगी। इस स्व-मूल्यांकन रिपोर्ट (Self Assesment Report) को उनकी एसीआर (परफॉर्मेंस रिपोर्ट) में भी शामिल किया जाएगा। नवंबर से इसकी शुरुआत हो सकती है। अभी तक शासन स्तर राज्य में निवेश की प्लानिंग की जाती थी लेकिन अब जिला स्तर पर इसे धरातल पर उतारने के लिए डीएम और कमिश्नर की भूमिका बढ़ाई जाएगी।
डीएम और कमिश्नर की क्या होगी भूमिका
राज्य के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के मुताबिक यूपी के सभी डीएम और कमिश्नर को अपने-अपने क्षेत्र में निवेश को लेकर एक रिपोर्ट तैयार करनी होगी। इसमें उन्हें उद्योगों से लेकर लोन संबंधी प्रगति को भी दर्ज करना होगा। खास बात यह है कि इस रिपोर्ट के आधार पर ही ACR में ग्रेड भी दिया जाएगा। जिस डीएम की सबसे अच्छी परफॉर्मेंस होगी उसे राज्य सरकार की ओर से सम्मानित भी किया जाएगा। इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक बलरामपुर, उन्नाव और श्रावस्ती जैसे जिलों का क्रेडिट डिपॉजिट रेशियो, कैश डिपॉजिट रेशियो कम है। ऐसे में डीएम का प्रयास इसमें महत्वपूर्ण होगा। जिले के निवेश में डीएम की क्या भूमिका रही इस पर शासन स्तर से नजर रखी जाएगी।
जनप्रतिनिधियों को लेकर दिया यह आदेश
बता दें कि इससे पहले मुख्य सचिव की ओर से सभी डीएम और कमिश्नर को जनप्रतिनिधियों को लेकर भी बड़ा आदेश दिया गया था। सभी से कहा गया कि प्रोटोकॉल के मुताबिक जनप्रतिनिधियों का पूरा सम्मान किया जाए। इतना ही नहीं इलाके से सांसद और विधायकों का फोन नंबर भी अपने पास सेव रखा जाए। समय पर उनका फोन उठाया जाए और उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा। अगर कोई अधिकारी किसी बैठक में व्यस्त है तो बाद में वह कॉल बैक कर समस्या का समाधान करे।