उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी जसवीर सिंह को निलंबित कर दिया है। जसवीर सिंह एडिशनल डायरेक्टर जनरल (रुल्स एवं मैनुअल) के पद पर तैनात थे। जसवीर सिंह को सेवा नियमावली के उल्लंघन के आरोप में हटाया गया है। एडीजी जसवीर सिंह ने कुछ दिनों पहले एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट को अपना साक्षात्कार दिया था। जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है। इस साक्षात्कार में जसवीर सिंह ने ‘राज्य की शासन व्यवस्था पर राजनीति के असर’ पर अपनी राय रखी थी। इस इंटरव्यू के बाद उनसे राज्य सरकार ने सफाई भी मांगी थी लेकिन इसपर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया था।
यूपी पुलिस की वेबसाइट के मुताबिक एडीजी जसवीर सिंह को बीते 14 फरवरी को ही निलंबित कर दिया गया था। लेकिन अभी इस निलंबन के संबंध में शासकीय सूचना नहीं जारी की गई है। इसी साल जनवरी के महीने में एडीजी ने इस वेबसाइट को साक्षात्कार दिया था। योगी सरकार के इस एक्शन की पुष्टि करते हुए राज्य के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि जसवीर सिंह छुट्टी पर भी चले गए थे जबकि उनकी छुट्टी मंजूर नहीं की गई थी। उन्होंने कहा कि जसवीर सिंह ने गलत तरीके से छुट्टी ली थी।
जसवीर सिंह की पहचान एक ऐसे आईपीएस अधिकारी के तौर पर है जो यूपी की किसी भी सरकार के गुड बुक में नहीं रहे हैं। फिर चाहे वो भारतीय जनता पार्टी हो, समाजवादी पार्टी हो या फिर बहुजन समाज पार्टी। नाम ना बताने के शर्त पर एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि ‘जसवीर सिंह का निलंबन राजनीति से प्रेरित था क्योंकि उनके काम करने का तरीका अलग है।’ वहीं सिविल डिफेंस डिपार्टमेंट के आईजी अमिताभ ठाकुर ने कहा कि ‘इस तरह के मामलों में सरकार की कार्रवाई निश्चित तौर से पारदर्शी होनी चाहिए।’
बता दें कि जसवीर सिंह मूल रुप से पंजाब के होशियारपुर के रहने वाले हैं। साल 2002 में जब वो महाराजगंज के पुलिस अधीक्षक थे तब उन्होंने उस वक्त गोरखपुर के तत्कालीन सांसद और वर्तमान में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर रासुका भी लगाई थी। हालांकि इसके बाद अगले ही दिन उनका तबादला फूड सेल में कर दिया गया था। फूड सेल में भी उन्होंने कई करोड़ रुपए के अनाज घोटाले की जांच की थी। बाद में यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था। साल 1997 में जसवीर सिंह उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब वो एसपी के तौर पर प्रतापगढ़ में तैनात थे। तब उन्होंने कुंडा के विधायक राजा भैया पर शिकंजा कसा था।