राष्ट्रीय हरित पंचाट और कोर्ट की सख्ती के बावजूद विश्व सांस्कृतिक महोत्सव की सुरक्षा व्यवस्था गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के समान होगी। गृह मंत्रालय से मिले निर्देश के बाद कार्यक्रम के दौरान परिंदा पर नहीं मार सके इसके लिए हवाई सुरक्षा व चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे के साथ दिल्ली पुलिस व अन्य सुरक्षा बलों के करीब दस हजार जवान यहां तैनात किए जाएंगे। ट्रैफिक पुलिस के करीब एक हजार जवान अधिकारियों के निर्देश पर सिर्फ गाड़ियों को गंतव्य तक लगाने में मुस्तैद किए गए हैं। सेना के दो पंटून पुल बनने से पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार फेस एक के रास्ते लोगों को कार्यक्रम स्थल पर जाने में सहूलियत होगी। भीड़ को देखते हुए कई रास्ते पूरी तरह बाधित रहने की आशंका ट्रैफिक पुलिस ने जाहिर की है।

ट्रैफिक पुलिस के आला अधिकारियों ने बताया कि हमने पार्किंग के लिए वैकल्पिक जगहों के बारे में भी आयोजकों को बता दिया है। कार्यक्रम स्थल के आसपास क्षमता से ज्यादा गाड़ियां खड़ी नहीं होने दी जाएंगी। सूत्रों के मुताबिक, मार्च के पहले हफ्ते में पुलिस के एक दल ने आयोजन स्थल का मुआयना किया था और वहां उन्हें खासकर प्रधानमंत्री और अन्य वीवीआइपी व्यक्तियों के बैठने के लिए बने मंच में कुछ खामियां नजर आई थीं।

अब जब कार्यक्रम को सशर्त अनुमति मिल गई है तो दिल्ली पुलिस ने आयोजकों से साफ तौर पर कहा है कि मौजूदा खामियों को यदि तुरंत दुरुस्त नहीं किया गया तो वहां भगदड़ और अफरातफरी मच सकती है। पुलिस ने इस संबंध में शहरी विकास मंत्रालय से संपर्क कर स्थिति साफ करते हुए लिखा कि अव्यवस्था की स्थिति से इनकार नहीं किया जा सकता और इससे अराजकता पैदा होने और कानून व्यवस्था भंग होने का अंदेशा बना रहेगा। पुलिस ने पत्र में यह भी लिखा है कि इस संबंध में सभी संबंधित अधिकारियों ने जरूरी अनुमति दस्तावेज जारी किए जाने से इनकार किया।

शुरुआत में दिल्ली पुलिस ने यह मामला केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्लूडी) के समक्ष उठाया जिसने प्रमाणपत्र जारी करने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने पीडब्लूडी और डीडीए से संपर्क किया लेकिन उन्होंने भी इसे जारी करने से मना कर दिया। पुलिस ने आयोजन स्थल पर बने पंटून पुलों और उससे जुड़े खतरों को लेकर भी आशंका जाहिर की क्योंकि उसे उन्होंने ‘अस्थिर’ पाया। पुलिस ने प्रधानमंत्री और अन्य वीवीआइपी के बैठने की व्यवस्था वाले मंच, मंच का वह भाग जहां दुनिया भर से आए हजारों कलाकार प्रस्तुति देंगे, मीडिया स्टैंड और पंटून पुलों से संबंधित मसले को सुलझाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय से दखल देने की मांग की है। खुफिया सूचना में आयोजन के दौरान कड़ी सतर्कता बरतने की मांग की गई है और इसी के तहत पुलिस ने आयोजन स्थल के लिए कार पार्किंग के प्रावधानों को लेकर चिंता जाहिर की है।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह कार्यक्रम गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस जैसा राष्ट्रीय महत्त्व का तो नहीं है पर संख्या बल में उससे ज्यादा संवेदनशील बन गया है। पुलिस ने हवाई सर्वेक्षण के साथ चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी और प्रवेश गेट पर मेटल डिटेक्टर से जांच के साथ सभी जिलों की पुलिस को मुस्तैद रहने के निर्देश तो दिए ही ऊपर से स्पेशल सेल, अपराध शाखा, स्पेशल ब्रांच, पीसीआर और ट्रैफिक पुलिस की विशेष मुस्तैदी जरूरी की है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि आयोजकों ने तो यहां योग, शांति प्रार्थना और सांस्कृतिक कार्यक्रम रखे हैं। इसमें अलग-अलग समय पर भीड़ बढ़ने की आशंका है। लिहाजा पुलिस ने बावर्दी और सादी वर्दी में तैनाती की व्यवस्था की है।

उधर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के विशेष आयुक्त डाक्टर मुक्तेश चंद्र का कहना है कि कार्यक्रम स्थल पर जितनी क्षमता होगी उतनी गाड़ियां ही पार्क होंगी। हमने आयोजकों को साफ तौर पर कहा है कि भीड़ बढ़ने के साथ गाड़ियां संख्या बढ़ेंगी लिहाजा राष्टÑमंडल खेलों के समय बनाए गए मिलेनियम डिपो और राजघाट डिपो में गाड़ियां पार्क करने की सलाह दी है। जबकि ट्रैफिक पुलिस के संयुक्त आयुक्त शरद अग्रवाल ने बताया कि अभी करीब एक हजार ट्रैफिक जवानों को लगाने का फैसला किया गया है, जैसे-जैसे स्थिति की समीक्षा अन्य वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।