केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री और गौतमबुद्ध नगर (यूपी) के सांसद महेश शर्मा से कथित ब्लैकमेल का मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। यह आरोपी आलोक कुमार बताया जाता है। इस मामले में सोमवार को एक युवती की गिरफ्तारी हुई है। खबर है कि इसके बाद आलोक कुमार ने महेश शर्मा से माफी और रहम की भीख मांगी है। उसने महेश शर्मा से गुहार लगाई है कि उसकी बहन और मां को गिरफ्तार कर लिया गया है, उनको छुड़ा दें।
शुरुआती जांच के मुताबिक आलोक के हवाले से महेश शर्मा को धमकी दी गई थी कि नोटबंदी के चलते उसका न्यूज चैनल घाटे में आ गया है, इसलिए महेश शर्मा उसमें पैसे लगाए। कहा गया था कि आप चैनल में हिस्सेदारी खरीदें और 7-8 करोड़ रुपए का लोन दें। नहीं देने पर मंत्री का स्टिंंग चैनल पर चलाने की धमकी दी गई थी। महेश शर्मा से पत्र के जरिए पहले 45 लाख और अगले दो दिन में पूरे दो करोड़ रुपए मांगे जाने की शिकायत पुलिस को की गई थी। इसके बाद सोमवार को पत्र लेकर कैलाश अस्पताल पहुंची एक युवती को पुलिस ने पकड़ा।
कोडवर्ड को बनाया धमकी का हथियार: महेश शर्मा के अनुसार मुख्य आरोपी 24 मार्च को चुनाव प्रचार में मदद का प्रस्ताव रखने के बहाने उनसे मिला था। मुलाकात शर्मा की किसी परिचित के जरिए हुई थी। बाद में उस शख्स ने धमकी दी कि उसके पास शर्मा का स्टिंंग है। उसने निशु नाम की युवती को पैसे की मांग और धमकी वाला पत्र लेकर कैलाश अस्पताल भेजा। वह यूट्यूब के किसी चैनल में प्रतिनिध के तौर पर काम कर चुकी है। जिस चैनल में वह काम करती थी। वह अब बंद हो चुका है। बता दें कि कैलाश अस्पताल महेश शर्मा का ही है। वहां उनका चुनावी दफ्तर भी है।
पुलिस ने पूछताछ की तो निशु ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर के कई बड़े नेता इस गिरोह के रडार पर थे। निशु के अनुसार वह लोग पहले भी ऐसी घटना को अंजाम दे चुके हैं। लड़की के पास से बरामद टैबलेट में 20 मिनट का एक वीडियो भी मिला है। पुलिस का कहना है कि अब तक की जांच में महेश शर्मा के खिलाफ कुछ भी नहीं मिला है।
