पंजाब के पटियाला और रोपड़ जिलों के कुछ गांवों में किसानों ने सतलज-यमुना जोड़ नहर- एसवाइएल निर्माण के लिए अधिग्रहीत जमीन पर कब्जा लेना शुरू कर दिया है। दो दिन पहले ही पंजाब विधानसभा पमें भू-स्वामियों को उनकी जमीन का मालिकाना हक नि:शुल्क लौटाने के लिए विधेयक पारित हुआ है। इन गांवों में सतारूढ़ अकाली दल और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को किसानों की मदद करते और मशीनें-उपकरण आदि का बंदोबस्त कराते देखा गया।
पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह ने भी किसानों को जल्द से जल्द नहर में मिट्टी भरने की गुहार लगाते हुए कहा, ‘मालवा में करीब नौ लाख एकड़ जमीन को सूखी और बंजर होने से बचाने का अब यही एकमात्र रास्ता बचा है।’ पंजाब विधानसभा में पारित विधेयक में जोड़ नहर के निर्माण के लिए अधिग्रहीत जमीन उनके असल मालिकों को मुफ्त लौटाने का प्रावधान है।
राज्यपाल की विधेयक पर मंजूरी मिलना बाकी है पर किसानों ने नहर में मिट्टी भराई का काम पहले ही शुरू कर दिया है। आज रोपड़ के गांव ढक्की, गड़डले, इंदरपुर, सैनी माजरा, लाडल, घनौली, मकौड़ी, कन्नूर, माजरी, मानपुर के अलावा किरतपुर साहिब व मोरिंडा के भी कई गांवों में किसानों को नहर में मिट्टी भरते देखा गया।
रोपड़ के उपायुक्त करणेश शर्मा ने इन किसानों को कानून हाथ में नहीं लेने की गुहार लगाते हुए कहा कि सरकार ने इसके लिए अधिसूचना अभी जारी नहीं की है। पटियाला से कांग्रेस विधायक परनीत कौर और पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चरणजीत सिंह चन्नी भी एसवाइएल में मिट्टी भराई का जायजा लेने पटियाला के कपूरी पहुंचे जहां 8 अप्रैल, 1982 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने नहर खुदाई का बाकायदा लोकार्पण किया था।
आम आदमी पार्टी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे खुद भी इंदिरा गांधी द्वारा कपूरी में खुदाई के शुरू कराए गए लोकार्पण में पार्टी हैं। इसके जवाब में कैप्टन ने अपनी पत्नी परनीत कौर की अगुवाई में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल तत्काल कपूरी इलाके में रवाना कराया ताकि वहां मिट्टी भराई के लिए समर्थन जुटाया जा सके। जेसीबी मशीन से मिट्टी भरने के दौरान सैकड़ों हरे-भरे पेड़ गिर गए और परिंदों के आशियाने ढह गए। काटे गए पेड़ों को गुरुद्वारों तक पहुंचाया जा रहा था। बस्सी पठाना में शिअद के उपाध्यक्ष जगदीप चीमा ने कहा कि भूस्वामियों ने ही अपनी जेब से जेसीबी का इंतजाम कराया।