उत्तर प्रदेश की दो विधानसभा सीटों स्वार और छानबे पर उपचुनाव होने जा रहा है। दोनों सीटों पर मुख्यरूप से समाजवादी पार्टी और भाजपा के सहयोगी अपना दल के बीच मुकाबला है। दशकों में ऐसा पहली बार होगा जब आजम खान और उनके परिवार के बिना सपा यहां चुनाव लड़ने जा रही है। सपा ने यहां अनुराधा चौहान को मैदान में उतारा है। इस फैसले ने पार्टी के भीतर भी लोगों को चौंका दिया है।
स्वार उपचुनाव में सपा के लिए बहुत कुछ दांव पर लगा है। रामपुर बेल्ट हमेशा से आजम खान का गढ़ रहा है। पार्टी चाहती थी कि आजम के परिवार का कोई सदस्य या उनका कोई करीबी इस सीट पर चुनाव लड़े, लेकिन उन्होंने इससे दूरी बना ली। हालांकि, आजम भी कुछ समय से बीमार चल रहे हैं। इसके चलते पार्टी ने अनुराधा चौहान को मैदान में उतारा है। अनुराधा एक जिला पंचायत सदस्य हैं और इससे पहले वह ग्राम प्रधान भी रह चुकी हैं।
सभी समुदायों को लामबंद करने में जुटी सपा
स्वार विधानसीट में मुख्य रूप से अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की आबादी है। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल का अपना दल भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का हिस्सा है। सपा यहां अपना दल के उम्मीदवार के खिलाफ सभी समुदायों को लामबंद करने की कोशिश कर रही है। वहीं, अपना दल ने एक बार फिर मुस्लिम कैंडिडेट शफीक अहमद अंसारी को उतारा है। 2022 के चुनाव में भी पार्टी की तरफ से मुस्लिम कैंडिडेट को टिकट दिया गया था, लेकिन वह चुनाव हार गए। उस साल अब्दुल्ला आजम खान चुनाव जीते थे। उनकी विधानसभा की सदस्यता जाने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है।
पसमांदा मुस्लिम समुदाय से हैं अपना दल के उम्मीदवार
शफीक अहमद अंसारी पसमांदा मुस्लिम समुदाय से हैं। उन्हें ऐसे समय में मैदान में उतारा गया है, जब भारतीय जनता पार्टी पसमांदा मुसलमानों को लुभाने में लगी है। पिछली बार सपा से हारने के बावजूद अपना दल (एस) ने विश्वास जताया है कि वह उपचुनाव जीत लेगी। उन्होंने कहा, “इस बार सपा से कोई लड़ाई नहीं है। लड़ाई केवल जीत के अंतर के लिए है। शफीक भाजपा-अपना दल (एस) और निषाद पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार हैं और हमारे सभी सहयोगी इस बार बड़ी जीत के लिए उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करेंगे।”
बसपा और कांग्रेस ने यहां अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। वहीं, अनुसूचित जाति-आरक्षित छानबे सीट पर अपना दल के विधायक राहुल प्रकाश कोल की मृत्यु के बाद उपचुनाव हो रहा है। पार्टी ने प्रकाश कोल की पत्नी रिंकी कोल को चुनाव में उतारा है। वहीं, सपा ने एक बार फिर कीर्ति कोल को टिकट दिया है।
