अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) अभी भी पंजाब पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। खालिस्तानी समर्थक को गिरफ्त में लेने के लिए पंजाब पुलिस लगातार ऑपरेशन चला रही है। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अमृतपाल सिंह बैसाखी के त्योहार के दौरान किसी बड़े गुरुद्वारे में सरेंडर कर सकता है। इस आशंका को देखते हुए पंजाब ने 14 अप्रैल तक किसी भी कर्मचारी को छुट्टी न देने के निर्देश दिए हैं।
अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब पुलिस DGP के कार्यालय ने पुलिस राजपत्रित अधिकारियों (GOs), अराजपत्रित अधिकारियों (NGOs) और नामांकित पुलिस अधिकारियों (EPOs) के सभी प्रकार के अवकाश रद्द कर दिए हैं और राज्य भर के पुलिस कार्यालयों के प्रमुखों को भी निर्देश दिया है कि 14 अप्रैल, बैसाखी त्योहार के दिन तक कोई भी छुट्टी मंजूर न की जाएं। गुरुवार (6 अप्रैल) को जारी किए गए इस आदेश में छुट्टियों को रोकने/रद्द करने के पीछे कोई भी वजह नहीं बताई गई है।
पंजाब पुलिस के आर्डर आदेश “छुट्टियां रोकने के संबंध में” में कहा गया है “14.04.2023 तक जीओ, एनजीओ और ईपीओ को कोई छुट्टी स्वीकार नहीं की जा सकती है”। आर्डर में यह भी कहा गया है कि “पहले से मंजूर सभी प्रकार की छुट्टियां तत्काल रद्द की जाती हैं”।
बैसाखी पर लोगों को भड़काने के लिए नौटंकी कर सकता है अमृतपाल?
अमृतपाल सिंह अबतक दो वीडियो जारी कर चुका है। इन वीडियोज के जरिए उसने अकाल तख्त के जत्थेदार से बटिंडा जिले के तलवंडी साबो स्थित तख्त दमदमा साहिब पर बैसाखी के मौके पर सरबत खालसा के आयोजन की मांग की है। उसने अपने खिलाफ पंजाब सरकार के एक्शन को सिख सुमदाय पर कार्यवाही करार दिया।
अकाल तख्त के जत्थेदार ने क्या कहा?
अकाल तख्त के प्रमुख ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने ‘सरबत खालसा’ के लिए कोई आह्वान नहीं किया है, लेकिन दमदमा साहिब में पिछले सालों की तुलना में पुलिस की भारी तैनाती की वजह से श्रद्धालुओं की कम उपस्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने सिख समुदाय के सदस्यों को बैसाखी के दिन बड़ी संख्या में सिख तख्त पर पहुंचने के लिए कहा, जो दसवें सिख गुरु गुरु गोबिंद सिंह द्वारा खालसा पंथ (खालसा आदेश) के जन्म का प्रतीक है।