छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में जंगली हाथी के हमले में एक महिला और उसके चार वर्षीय बेटे की मौत हो गई जबकि दो अन्य लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने शनिवार (28 सितंबर) को यह जानकारी दी। राजपुर के वन उपमंडल अधिकारी के एस खुटिया ने कहा कि यह घटना शुक्रवार ( 27 सितंबर) देर रात राजपुर विकास खंड के सेवरी गांव में हुई। उन्होंने कहा कि मृतकों की पहचान सरोज तिर्की (35) और उसके बेटे विवेक के तौर पर हुई है।
किसी तरह बचाई जानः हमलावर हाथी जंगली हाथियों के एक झुंड का हिस्सा था। उसने शांतिसंगे तिर्की (59) और अमरमणि तिर्की (58) पर भी हमला किया लेकिन उन्होंने किसी तरह उससे खुद को बचाया। उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। इससे पहले छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में अलग-अलग घटनाओं में हाथी ने दो लोगों को रौंद डालने का मामला सामने आया था। इस घटना में उनकी मौत हो गई। मरने वालों में एक महिला भी शामिल थी। इस मामले में वन विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी।
संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) भानु प्रताप सिंह ने बताया कि मवेशियों के साथ प्रतापपुर के जंगल में गए सोमनाथ कोडकू (45) नाम के व्यक्ति का हाथी से सामना हुआ था, जिसके बाद यह हादसा हो गया। कोडकू प्रतापपुर के ही रहने वाले थे । यह स्थान कोरबा से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
इस मामले में डीएफओ ने बताया कि हाथी ने पहले कोडकू को सूंड में लपेटकर जमीन पर पटक दिया और फिर उन्हें पैरों से कुचल कर मार डाला। कोडकू जब घर नहीं लौटे तब कुछ स्थानीय लोगों ने वन विभाग से संपर्क किया, जिन्होंने तलाश अभियान चलाया। उन्होंने बताया कि जंगल में उनका शव मिला। दरअसल सरहरी गांव के पास के वनक्षेत्र में मशरूम इकट्ठा करने के दौरान कुछ ग्रामीणों पर उसी हाथी ने हमला किया। डीएफओ ने बताया कि समूह के बाकी लोग किसी तरह भागने में सफल रहे लेकिन रुक्मिणी चेरवा (50) उसकी चपेट में आ गयीं और हाथी ने उन्हें भी कुचलकर मार डाला।