Dularchand Murder Case: बिहार के डीजीपी विनय कुमार ने दुलारचंद हत्या मामले में जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह की गिरफ्तारी को लेकर कई बड़े खुलासे किए हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सीनियर एसपी पटना स्वयं अपनी टीम के साथ अनंत सिंह को गिरफ्तार करने गए थे। उनकी टीमें के द्वारा अनंत सिंह को गिरफ्तार किया गया है।

डीजीपी ने बताया कि प्रारंभिक सूचना के अनुसार, अनंत सिंह की गिरफ्तारी के दौरान किसी तरह का प्रतिरोध उनके समर्थकों द्वारा नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि पूर्व में एक घटना में अनंत सिंह को गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त भी इनके समर्थकों द्वारा किसी तरह का विरोध नहीं किया गया था।

पुलिस महानिदेशक ने आगे बताया कि आचार संहिता के दौरान 10 वाहन की अनुमति है। अनंत सिंह ने भी 10 वाहनों की परमिशन ली थी। लेकिन जांच के बाद उस पर भी केस दर्ज किया गया है कि किस परिस्थिति में उनके काफिले के साथ अन्य वाहन थे। इस मामले की भी जांच की रही है।

क्या अनंत सिंह घटनास्थल पर मौजूद थे?

डीजीपी ने कहा कि एकदम उसी स्पॉट पर रहना जरूरी नहीं है, लेकिन यह उस पूरे काफिले का हिस्सा थे। घटना की शुरुआत होने के बाद मृतक पक्ष द्वारा पत्थरबाजी की गई थी। उसके बाद गाड़ियां दोनों तरफ से क्रास कर रही थीं। गाड़ियों के चालक अफरा-तफरी में गाड़ियों को सुरक्षित निकालने की कोशिश कर रहे थे। डीजीपी ने कहा कि यह पूरी जांच का विषय है कि दुलारचंद की हत्या किस तरह से हुई।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से संकेत मिला है कि जो गोली दुलारचंद के पैर के निचले हिस्से में लगी, वो आर-पार कर गई थी। उससे इनकी हत्या नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि शरीर के अपर पार्ट से किसी वाहन के निकलने से ही उनकी मौत हुई है। डीजीपी ने कहा कि जो वीडियो सामने आ रहे या प्रत्यक्षदर्शियों के बयान हैं उससे भी यही बात सामने आ रही है कि इसी वजह से उनकी मृत्यु हुई है।

डीजीपी ने कहा कि अब यह जांच का विषय है कि कौन सा वाहन दुलारचंद के ऊपरी हिस्से से होकर गुजरा, जिससे उनकी मौत हुई। और उस गाड़ी को कौन चला रहा था। कौन लोग उस वाहन पर सवार थे। डीजीपी ने कहा कि यह भी जांच का विषय है कि उस काफिले में कौन-कौन वाहन और कौन-कौन लोग शामिल थे। घटना के बाद कौन वहां पर रुका था। यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा। डीजीपी ने बताया कि सीआईडी की टीम डीआईजी की अध्यक्षा में इस पूरे मामले की जांच कर रही है।

पुलिस महानिदेशक ने बताया कि प्राइमरी संकेतों और साक्ष्यों के आधार पर अनंत सिंह की गिरफ्तारी का फैसला लिया गया। क्योंकि मृतक पक्ष द्वारा अनंत सिंह को नाम के साथ आरोपी बनाया गया है। डीजीपी ने कहा कि यह भी संकेत मिले हैं कि घटनास्थल से अनंत सिंह की गाड़ी क्रास की थी। डीजीपी ने कहा कि यह जांच का विषय है कि घटना के वक्त अनंत सिंह की गाड़ी कहां थी।

डीजीपी ने बताया कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती गांव में की गई है। असुरक्षा का कोई वातावरण नहीं है। दुलारचंद के परिवार की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उनको सुरक्षा दी जाएगी। गवाहों को सुरक्षित रखना भी हमारी जिम्मेदारी है।

यह भी पढ़ें- गिरफ्तारी के बाद बाहुबली अनंत सिंह की पहली प्रतिक्रिया, जानें क्या बोले?

दुलारचंद की मौत पर दुख जताते हुए डीजीपी ने कहा कि यह दुखद है। उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों के लोग नारेबाजी कर रहे थे। उसी वक्त गाड़ियों को आगे-पीछे निकालने के चक्कर में दोनों पार्टियों के समर्थकों में झड़प हुई। मृतक पक्ष के लोगों ने पत्थरबाजी की। इसी के चलते घटना घटित हुई।

डीजीपी ने कहा कि अभी तक के संकेतों और साक्ष्यों के आधार पर घटना प्रीप्लांड तो नहीं लग रही है। हालांकि, इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या इसमें प्रीप्लानिंग के तथ्य भी मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि यह भी जांच का विषय है कि झड़प के बाद वाहन चालक तेजी से वाहन निकाल रहे थे, और दुलारचंद बीच में आ गए, जिसके चलते उनकी मौत हुई।

यह भी पढ़ें- पहले बातचीत फिर एक्शन… बाहुबली अनंत सिंह की गिरफ्तारी की पूरी INSIDE STORY