नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने संभल के डीएम पर ट्रिब्यूनल के सामने उपस्थित नहीं होने के कारण 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। एनजीटी ने जिले में पटाखों के एक अवैध गोदाम में हुए विस्फोट के पीड़ितों को मुआवजा देने के मामले की सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया।
पटाखे के गोदाम में पिछले साल 13 जून को आग लगने से दो बच्चों सहित चार लोगों की मौत हो गई थी और सात अन्य लोग घायल हुए थे। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने तीन अक्टूबर को आदेश जारी किया।
आदेश में डीएम को उनके समक्ष उपस्थित रहने और तथ्यों से अवगत कराने का निर्देश दिया था। पीठ में न्यायिक सदस्य के तौर पर न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल भी शामिल थे। पीठ ने कहा कि सूचित किए जाने के बावजूद डीएम अनुपस्थित थे।
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पीठ ने आगे कहा, ‘‘इसलिए, हम संभल के जिला मजिस्ट्रेट पर ट्रिब्यूनल के आदेश का पालन नहीं करने और न्यायाधिकरण की सहायता नहीं करने के लिए 10,000 रुपये का जुर्माना लगाते हैं।’’ ट्रिब्यूनल ने कहा, ‘‘दो सप्ताह के भीतर जुर्माने की राशि जमा कराई जाए। डीएम को पिछले आदेशों का पालन करने और अगली सुनवाई की तारीख (सात जनवरी) पर उपस्थित होने का निर्देश दिया जाता है।”
मेरठ के अस्पताल पर भी लगा जुर्माना
एनजीटी ने पिछले महीने मेरठ के एक अस्पताल पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। हॉस्पिटल पर यह जुर्माना इसलिए लगाया था क्योंकि वह पर्यावरण अधिनियम के तहत कानूनी मंजूरी के बिना अवैध तरीके से संचालित हो रहा था।
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कानपुर के DM पर भी लगाया था जुर्माना
एनजीटी ने इस साल अगस्त में कानपुर के डीएम पर भी 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। एनजीटी ने कहा था कि डीएम को क्रोमियम और जहरीली धातुओं के संपर्क में आने वाले लोगों की रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया था लेकिन उन्होंने खुद हाजिर होकर रिपोर्ट पेश नहीं की और आदेश का पालन नहीं किया। पीटीआई के मुताबिक, एनजीटी कानपुर के जाजमऊ गांव में चमड़े के कारखानों से निकलने वाली जहरीली धातुओं और कुछ स्थानों पर क्रोमियम से बढ़ रही समस्या पर सुनवाई कर रहा था।
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ट्रिब्यूनल के निर्देशों में कहा गया था यदि कोई डीएम ट्रिब्यूनल के समक्ष सीधे रिपोर्ट दाखिल करना चाहता है, तो उसे व्यक्तिगत तौर पर आना होगा। लेकिन कानपुर के डीएम ने उत्तर प्रदेश सरकार के वकील के माध्यम से रिपोर्ट भेजे बिना सीधे 12 अगस्त को रिपोर्ट दाखिल कर दी थी और खुद हाजिर नहीं हुए थे।