Hindu Yuva Vahini: हिंदू युवा वाहिनी (Hindu Yuva Vahini), यानी वह संगठन जिसने योगी आदित्यनाथ की पहचान, उनकी छवि और उनके कद को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई। हिंदू युवा वाहिनी के साथ योगी आदित्यनाथ ने खुद को एक हिंदूवादी नेता के तौर पर बहुत कम समय में स्थापित कर लिया और आगे चलकर सूबे की राजनीति में शिखर तक पहुंचे लेकिन 20 सालों पहले शुरू किए गए इस संगठन की सारी इकाइयों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भंग कर दिया। सीएम योगी को ऐसा क्यों करना पड़ा, इसको लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि हिंदू युवा वाहिनी पर हमेशा के लिए पूर्ण विराम लगा दिया गया है। हालांकि, कुछ में इस बात का भी जिक्र है कि 2024 के आगामी लोकसभा चुनाव से पहले, संगठन में बड़े बदलाव के साथ हिंदू युवा वाहिनी एक नए कलेवर में दिखाई देगा।

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हिंदू युवा वाहिनी के एक पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि संगठन के प्रभारी और पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप ने सभी पदाधिकारियों को संदेश भेज इकाइयों के भंग किए जाने की जानकारी से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि हिंदू युवा वाहिनी की राज्य, क्षेत्रीय और जिला इकाइयों को भंग करने का फैसला सीएम योगी आदित्यनाथ की मंगलवार को गोरखपुर में पदाधिकारियों से मुलाकात के एक दिन बाद लिया गया।

हिंयुवा ने योगी आदित्यनाथ के चुनाव अभियान में पहले सक्रिय महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आदित्यनाथ ने हिंदू संस्कृति, गौ रक्षा और अस्पृश्यता के खिलाफ काम करने के लिए 2002 में इस संगठन की स्थापना की थी। इसके बाद से इस संगठन के साथ योगी की पहचान एक हिंदुवादी नेता के तौर पर बनती चली गई और इस संगठन की पकड़ भी धीरे-धीरे मजबूत होने लगी।

2017 के बाद संगठन में शामिल होने वालों की संख्या बढ़ी

शुरू में इस संगठन और इसकी गतिविधियां गोरखपुर और आसपास के जिलों तक ही सीमित थीं। लेकिन, 2017 के विधानसभा चुनावों के बाद, जब आदित्यनाथ सूबे के सीएम बने, इस संगठन में शामिल होने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ। मई 2017 में आदित्यनाथ ने कथित तौर पर वाहिनी कार्यकर्ताओं को शालीनता बनाए रखने और किसी तरह के विवादों से बचने के लिए कहा था। तब से यह संगठन ‘लो प्रोफाइल’ तौर पर रहा है।

संगठन के पुनर्गठन के लिए जल्द बुलाई जाएगी बैठक

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदू युवा वाहिनी के पुनर्गठन पर फैसला मंगलवार को सीएम आदित्यनाथ की गोरखपुर यात्रा के दौरान लिया गया था। आदित्यनाथ के करीबी माने जाने वाले राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि संगठन के पुनर्गठन और नए पदाधिकारियों की नियुक्ति पर चर्चा के लिए जल्द ही हिंदु युवा वाहिनी के नेताओं की बैठक बुलाई जाएगी।

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First published on: 05-08-2022 at 16:52 IST