Delhi News: अगर आपके घर में किसी ने शहर के सरकारी स्कूल से पढ़ाई छोड़ दी है तो दिल्ली पुलिस जल्द ही आपके दरवाजे पर दस्तक देगी। दिल्ली सरकार ने एजुकेशन डिपार्टमेंट को एक एसओपी तैयार करने का निर्देश दिया है। सरकार ने ऐसा इस वजह से किया है ताकि स्कूल छोड़ने वाले बच्चों का डेटा हर छह महीने में दिल्ली पुलिस के साथ ऑटोमेटिक शेयर किया जा सके।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि डेटा शेयर होने के बाद पुलिस इसकी जांच करेगी और पता लगाएगी कि कोई छात्र स्कूल छोड़कर क्यों चला गया। इसके बाद स्थानीय पुलिस ड्रॉपआउट से मिलेगी। अधिकारी ने बताया, ‘स्कूल छोड़ने के बाद कई लोगों ने काम करना शुरू कर दिया होगा, कुछ ने शहर छोड़ दिया होगा, लेकिन अगर कोई कुछ नहीं कर रहा है, तो इस डेटा की मदद से पुलिस उस व्यक्ति का पता लगाएगी, उसकी काउंसलिंग करेगी और उसे करियर के लिए बेहतर मंच देने की कोशिश करेगी। उन्होंने कहा कि पिछले साल क्राइम में शामिल 85 फीसदी लोग पहली बार क्राइम करने वाले थे।

दिल्ली के स्कूलों को फिर से मिलेगी ये सुविधा

मीटिंग में कई मुद्दों पर हुई थी चर्चा

अधिकारी ने कहा कि एजुकेशन डिपार्टमेंट को ये निर्देश दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी ने इस महीने की शुरुआत में कोऑर्डिनेशन कमेटी में दिए थे। इस कमेटी का गठन रेखा सरकार ने गृह, पुलिस और कानून व्यवस्था के मामलों से निपटने के लिए किया था। अधिकारी ने कहा, ‘4 अप्रैल को हुई बैठक में अन्य मुद्दों के अलावा दो अहम मुद्दे भी रहे। इसमें दिल्ली पुलिस को स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की लिस्ट मुहैया कराना और दिल्ली में एंटी ड्रग क्लब और बॉय क्लब का गठन पर चर्चा की गई और शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए।’

दिल्ली पुलिस ने 2017 से शुरू की एक पहल

अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस 17-25 साल के युवाओं को क्राइम और इस तरह के कृत्यों को करने से रोकने के लिए 2017 से मिनिस्ट्री ऑफ स्किल डेवलेपमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप के साथ मिलकर एक पहल चला रही है। दिल्ली में एंटी ड्रग क्लब और ब्वॉयज क्लब के गठन के लिए एक अधिकारी ने बताया कि 4 अप्रैल की बैठक में बताया गया कि शिक्षा विभाग के पास नीतियों के मसौदे तैयार हैं। दिल्ली पुलिस कई जिलों में ब्वॉयज क्लब चला रही है ताकि कमजोर किशोरों को कई तरह की गतिविधियों में शामिल किया जा सके ताकि उन्हें गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने से रोका जा सके। अब, सभी जिलों में ब्वॉयज क्लब खोलने के निर्देश जारी किए गए हैं। स्कूलों की मनमानी और छात्रों के साथ होता गुलामों जैसा व्यवहार!

(पढे़ं: Mahender Singh Manral की रिपोर्ट)