Punjab News: सनौर से आम आदमी पार्टी के विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा ने रविवार को भगवंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अपने लोगों के साथ खड़े रहेंगे और अपनी आवाज उठाएंगे। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि भले ही उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया जाए या बाहर निकाल दिया जाए। उन्होंने ऐसा टांगरी नदी में बाढ़ आने के बाद किया गया।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हरमीत सिंह के बयान के बाद भगवंत मान सरकार ने उनकी सुरक्षा वापस ले ली। पठानमाजरा ने कहा , “मुझे पहले से पता था। मैंने कल ही इन कर्मचारियों से कहा था कि वे तैयार रहें। दिल्ली के नेताओं को लगता है कि वे मुझे विजिलेंस जांच और मुकदमों की धमकी देकर डरा सकते हैं। यह दिल्ली के नेताओं का दबाव है।”

उन्होंने आगे कहा, “मैं मुख्यमंत्री से कहना चाहता हूं कि सभी विधायक आपके साथ हैं। अगर आप आज मेरी बात नहीं मानेंगे, तो बहुत देर हो जाएगी। मैं पार्टी का सिपाही रहा हूं। वे तानाशाह हैं। अधिकारियों को बदलने के बजाय, वे विधायकों पर कार्रवाई कर रहे हैं। मेरे साथ ऐसा करके वे सभी विधायकों को एक संदेश देना चाहते हैं।”

मुख्यमंत्री अफसरों से ज्यादा विधायकों की बात सुनें- हरमीत सिंह

आप विधायक ने सनौर में एक किलोमीटर के इलाके में बाढ़ का पानी घुसने के बाद स्थिति का जायजा लेने गए थे। आप नेता ने खास तौर पर मुख्यमंत्री भगवंत मान और जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव कृष्ण कुमार की आलोचना की और उन पर अपने निर्वाचन क्षेत्र को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “आप मेरे खिलाफ विजिलेंस जांच शुरू करवा सकते हैं। वे 50 जांचें करवा सकते हैं। ऐसा कैसे है कि कृष्ण कुमार की बात सुनी जाती है, लेकिन विधायकों की नहीं? मुख्यमंत्री भगवंत मान को सोचना होगा। वे किसान रहे हैं। उन्हें पता है। अगर हम शहरों में अफसरों की बात सुनते रहेंगे, तो राज्य डूब जाएगा। अगर मुख्यमंत्री अफसरों से ज्यादा विधायकों की बात सुनें, तो यह स्थिति नहीं आएगी।”

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मैं लोगों के साथ खड़ा हूं- आप विधायक

आप विधायक ने आगे कहा, “मैं अपने लोगों के साथ खड़ा रहूंगा। अगर मैं उनकी आवाज नहीं उठाता, तो मैं गलत हूं। अगर मैं कहूं कि यह सरकार की गलती नहीं है, तो ये लोग मुझे नदी में फेंक देंगे। मैं यह बात विधानसभा में भी उठाऊंगा। मुझे उनकी बात सुननी ही होगी।” हरमीत सिंह ने कहा कि उन्हें सनौर के लोगों ने 2017 और 2022 में दो बार चुना है। उन्होंने कहा, “मैं कुछ नहीं कर पाया। अगर वे कुछ करेंगे, तो मैं सरकार की तारीफ करूंगा। मैं कहूंगा कि कृष्ण कुमार अच्छे हैं। जब उन्होंने कुछ किया ही नहीं, तो मैं उनकी तारीफ क्यों करूं? दूसरे विधायक भी बेचैन हैं, लेकिन वे बोलते नहीं, मैं बोलूंगा।”

आप विधायक ने कहा, “मैं सरकार के खिलाफ बोल रहा हूं। वे या तो मुझे निलंबित कर देंगे या पार्टी से निकाल देंगे। मुझे परवाह नहीं। जनता मेरे साथ है। लोगों ने हमें वोट दिया है। उन्होंने कृष्ण कुमार को वोट नहीं दिया है। विधायकों की बात मानकर ही हम पंजाब की जनता को बचा सकते हैं। वरना जनता हमें जूतों से पीटेगी। मुख्यमंत्री को इस बारे में सोचना होगा। माझा डूब चुका है। पंजाब डूब चुका है।”

हरमीत सिंह ने कहा, “बस सवा साल बचा है। लोग हमें अपने गांवों में घुसने नहीं देंगे। क्या आपको लगता है कि ऐसा बोलने पर किसी विधायक पर कोई कार्रवाई नहीं होगी? मुझे डर नहीं है। बाबा बुड्ढा साहब मेरी रक्षा करेंगे। ये लोग मेरे साथ हैं। जो मेरे भाग्य में होगा, वही होगा। मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।”

भगवंत मान पर कसा तंज

मान पर एक और तंज कसते हुए उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री मेरे रिश्तेदार हैं। इसी वजह से लोग मुझसे ज्यादा नाराज हैं। मुख्यमंत्री के ससुराल जाने वाली सड़क भी टूटी हुई है। वे मुझसे पूछेंगे कि मैंने अपने इलाके के लिए क्या किया। अगर मैं इस इलाके का कप्तान हूं, तो मुझे सोचना पड़ेगा। मुख्यमंत्री सरकार के भी कप्तान हैं। उन्हें भी सोचना होगा। अगर वह कुछ करते हैं, तो हम उनके साथ हैं।” पंजाब के मुख्यमंत्री की पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर उनकी रिश्तेदार हैं।

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