प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए की सहयोगी जदयू से ये खबरें पिछले दो तीन दिनों से मीडिया की सुर्खियों में हैं कि बिहार में एनडीए का सबसे बड़ा चेहरा नीतीश कुमार ही रहेंगे। जब यही सवाल सीएम नीतीश कुमार से पूछा गया कि 2019 के आम चुनाव में बिहार में एनडीए का प्रमुख चेहरा वो ही रहेंगे क्या तो वह इस सवाल को टालते दिखे। नीतीश कुमार ने सिर्फ इतना कहा कि इस सवाल का जवाब उचित समय पर दिया जाएगा। इससे पहले, दिन में उप-मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश राज्य सत्ताधारी गठबंधन के नेता हैं और एनडीए 2019 के आम चुनावों में जदयू अध्यक्ष नीतीश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामों के आधार पर वोट मांगेगा।

सोमवार की शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में अपने आवास पर पत्रकारों के लिए एक रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था। इफ्तार में शामिल होने आए पत्रकारों ने जब उनसे बिहार में एनडीए के चेहरे पर सवाल पूछ लियो तो नीतीश कुमार ने कहा, ‘यह एक खास मौका है जब मैं सभी के चेहरे पर खुशी देखना चाहूंगा। किसी और चेहरे के बारे में कृपया अभी सवाल नहीं करें।’ नीतीश ने कहा, ‘आपके सभी सवालों के जवाब उचित समय पर दिए जाएंगे। अभी दुआ करें कि रमजान का महीना बिहार में अमन-चैन लेकर आए।’

बता दें कि नीतीश कुमार ने 3 जून (रविवार) को पार्टी नेताओं की कोर कमेटी की एक बैठक बुलाई थी। पटना में उनके सरकारी आवास पर दोपहर में चली लंबी बैठक के बाद पार्टी महासचिव के सी त्यागी ने साफ किया था कि बिहार में एनडीए गठबंधन में उनकी पार्टी जेडीयू बड़े भाई की भूमिका में है, इसलिए उनके नेता सीएम नीतीश कुमार की अगुवाई में ही चुनाव लड़ा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी 25 से कम सीटों पर समझौता नहीं करेगी। बिहार में कुल 40 लोकसभा सीट हैं, जिनमें से 22 पर अभी बीजेपी का कब्जा है, जबकि 6 पर रामविलास पासवान की पार्टी का और तीन पर उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी का कब्जा है। जब लोकसभा चुनाव हुए थे तब नीतीश एनडीए से अलग थे। उनके कुल दो सांसद हैं। हालांकि, बिहार विधान सभा में जेडीयू बीजेपी से बड़ी पार्टी है।