Kedarnath Helicopter Crash: अहमदाबाद विमान हादसे को लेकर आ रही बेहद दुख भरी कहानियों के बीच उत्तराखंड में भी एक हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। यह हादसा रविवार सुबह उस वक्त हुआ, जब यह हेलिकॉप्टर केदारनाथ से चार धाम यात्रा के तीर्थ यात्रियों को लेकर जा रहा था लेकिन गौरीकुंड के पास दुर्घटना का शिकार हो गया।

इस हादसे में सात लोगों की मौत हो गई जिनमें हेलिकॉप्टर को उड़ाने वाले कैप्टन राजवीर सिंह चौहान भी शामिल थे। आईए, आपको बताते हैं कि कैप्टन राजवीर सिंह चौहान कौन थे।

कैप्टन राजवीर सिंह चौहान मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले थे। चौहान 2009 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे और वहां लेफ्टिनेंट कर्नल बने थे। वह 15 साल तक सेना में रहे।

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LinkedIn पर चौहान के प्रोफाइल से मिली जानकारी के मुताबिक, उनका रोल फ्लाइंग ऑपरेशंस की प्लानिंग करना और और कठिन इलाकों में फ्लाइंग मिशन को अंजाम देना था, ऐसे इलाकों में जहां पर कम ही लोग जा पाते हैं।

क्या लिखा है प्रोफाइल में?

चौहान ने अपनी प्रोफाइल में लिखा है, “मैं दूरदराज के इलाकों के लिए कई पहल की, इसमें प्राइमरी स्कूल बनाने से लेकर, स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना और स्थानीय लोगों के जीवन को बेहतर बनाना आदि शामिल हैं। मैंने 50 कुशल एअर ट्रैफिक कर्मियों की टीम का नेतृत्व किया। मैंने पंजाब के कठिन इलाकों के साथ ही अंतरराष्ट्रीय सीमा पर फ्लाइंग ऑपरेशन की योजना बनाई और उन्हें सफलतापूर्वक अंजाम भी दिया।”

चौहान ने लिखा है, “हम मुश्किलों के वक्त में सबसे आगे थे। बाढ़ जैसे हालातों में हमने मानवीय सहायता और आपदा राहत सामग्री पहुंचाई, जान बचाई और सैनिकों तक जरूरी सामान पहुंचाया।” उन्होंने अपने LinkedIn प्रोफाइल में यह भी कहा है कि उन्हें भारतीय आर्मी में 2000 घंटे से ज्यादा तक विमान उड़ाने का अनुभव है।

चौहान ने 2007 में राजस्थान यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में B.A की डिग्री ली थी। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, जयपुर शहर की शास्त्री नगर कॉलोनी में रहने वाले राजवीर सिंह की पत्नी दीपिका चौहान भी लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। राजवीर सिंह चार महीने पहले ही पिता बने थे। 

सीएम धामी ने की अहम बैठक

राज्य में हाल ही में हुई हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हेलिकॉप्टर संचालन को लेकर अहम बैठक की। बैठक में सीएम धामी ने कहा कि राज्य में हेली सेवाओं के संचालन के लिए एक सख्त एसओपी तैयार की जाए, जिसमें उड़ान से पहले हेलिकॉप्टर की तकनीकी स्थिति की पूरी जांच और मौसम की सटीक जानकारी लेना अनिवार्य किया जाए।

सीएम धामी ने मुख्य सचिव को तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं, जो हेली संचालन के सभी तकनीकी और सुरक्षा पहलुओं की गहन समीक्षा के बाद एसओपी तैयार करेगी।

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि समिति यह सुनिश्चित करेगी कि हेली सेवाओं का संचालन पूरी तरह सुरक्षित, पारदर्शी और निर्धारित मानकों के अनुसार हो।