राजस्थान में हिजाब बैन का मुद्दा शुरू हो गया है। इस बीच सरकार में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा एक बार फिर से चर्चा में बने हुए हैं। कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा है कि वह राज्य के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने की मांग करेंगे। भाजपा के हवा महल विधायक बालमुकुंदाचार्य द्वारा सरकारी स्कूलों में हिजाब पहनने वाले छात्रों के खिलाफ टिप्पणी करने के बाद मुस्लिम लड़कियों ने स्थानीय पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और उनसे माफी की मांग की।

हिजाब पर बैन की मांग

ये विवाद बढ़ने पर किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि वह स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के बारे में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से बात करेंगे। मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि मुस्लिम समुदाय द्वारा स्कूलों में ड्रेस कोड का पालन किया जाना चाहिए। मंगलवार को स्कूली शिक्षा मंत्री मदन दिलावर समेत उनके कई सहयोगियों ने हिजाब पर प्रतिबंध का समर्थन किया।

किरोड़ी लाल मीणा ने कहा, “मुस्लिम समाज में जो धर्म की निष्ठा है और उसके कारण जो कांग्रेस सरकार थी, वह तुष्टिकरण करती है जिसके कारण ये आगे नहीं बढ़ पा रहे। इनमे शिक्षा की कमी है। शिक्षा का प्रसार होना चाहिए और मुस्लिम समाज को प्रगतिशील सोच रखनी चाहिए क्योंकि उनकी सोच अपराधों में ज्यादा जा रही है और स्कूल में जो ड्रेस कोड लागू होता है उसकी पालना होनी चाहिए। कांग्रेस ये नहीं कर पाई। उनके पास शिक्षा का अभाव है। इसलिए शिक्षा का प्रचार-प्रसार होना चाहिए और मुस्लिम समुदाय को प्रगतिशील सोच रखनी चाहिए, लेकिन उनकी सोच अपराध की ओर अधिक है। स्कूलों में ड्रेस कोड का पालन किया जाना चाहिए।”

किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि अगर कोई लड़की हिजाब पहनकर स्कूल जाती है, तो स्कूल में अनुशासन नहीं होगा और फिर छात्र किसी भी पोशाक में स्कूल जाएंगे। हिजाब कई देशों में प्रतिबंधित है और इसलिए इसे किसी भी परिस्थिति में स्कूलों में अनुमति नहीं दी जा सकती।

पिछली गहलोत सरकार के पांच वर्षों के दौरान 72 वर्षीय किरोड़ी लाल मीणा ने अपने नियमित विरोध प्रदर्शनों के लिए सुर्खियां बटोरीं। वह अपनी पार्टी के कई सहयोगियों की तुलना में अधिक बार सड़क पर उतरे। मीणा ने जो मुद्दे उठाए वे अकसर बाद में भाजपा द्वारा उठाया गया।

गहलोत सरकार के दौरान थे सुर्खियों में

मीणा 2021 में आरोप लगाने वाले पहले विपक्षी नेताओं में से थे कि राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET) का प्रश्न पत्र लीक हो गया था, जिससे गहलोत सरकार बैकफुट पर आ गई थी। पिछले साल विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही उनका विरोध और तेज हो गया। 2023 की शुरुआत में वह सरकार पर वादे पूरे न करने का आरोप लगाते हुए 2019 पुलवामा हमले में अपनी जान गंवाने वाले सैनिकों की पत्नियों के साथ धरने पर भी बैठे थे।

2021 में अमागढ़ किले पर भगवा झंडा उतारने पर विवाद के बाद किरोड़ी लाल ने पुलिस को चकमा दिया और किले पर मीणा समुदाय का झंडा फहराया। यह तब हुई जब आदिवासी नेताओं ने हिंदू समूहों पर आदिवासी प्रतीकों को हथियाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। हिंदुत्व के कट्टर समर्थक किरोड़ी लाल का मानना ​​है कि अधिकांश आदिवासी राजनेताओं के विपरीत आदिवासी हिंदू धर्म के अंतर्गत आते हैं।

बाबा के नाम से मशहूर किरोड़ी लाल

एमबीबीएस की डिग्री वाले किरोड़ी लाल को डॉक्टर साहब और बाबा जैसे उपनामों से जाना जाता है। वह पहली बार 1985 में भाजपा के टिकट पर दौसा जिले के महवा से विधानसभा के लिए चुने गए थे। 1989 में उन्होंने अपना पहला लोकसभा चुनाव जीता। वह वर्तमान में विधायक के रूप में अपना छठा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं और दो बार लोकसभा सांसद और एक बार राज्यसभा सदस्य रहे हैं।

किरोड़ी लाल 2003 से 2008 तक पहली वसुंधरा राजे सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। वसुंधरा राजे के साथ मतभेद बढ़ने पर उन्होंने 2008 में भाजपा छोड़ दी। 2013 के विधानसभा चुनावों से पहले वह पी ए संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) में शामिल हो गए। इससे NPP को फायदा हुआ और उन्होंने राजस्थान में पार्टी को 4 सीटें दिला दी।

2013 से 2018 की शुरुआत तक किरोड़ी लाल वसुंधरा राजे सरकार के आलोचक थे। फिर मार्च 2018 में वह भाजपा में लौट आए। पार्टी ने तुरंत किरोड़ी लाल मीणा को राज्यसभा भेज दिया।

राजस्थान की 13.48% आबादी के साथ आदिवासी एक महत्वपूर्ण वोट बैंक हैं। इनमें से मीणा बहुसंख्यक हैं। मीणा परंपरागत रूप से कांग्रेस के मतदाता रहे हैं। किरोड़ी लाल ने अपनी पार्टी के लिए उनके बीच एक आधार बनाया है खासकर पूर्वी राजस्थान के जिलों में जहां आदिवासी आबादी अधिक है। दिसंबर में हुए चुनाव में किरोड़ी लाल सवाई माधोपुर से जीते हैं।