Kanpur Green Park Stadium: कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में उस वक्त अजीब माहौल पैदा हो गया, जब एक महिला आईपीएस अधिकारी और भाजपा के एमएलसी अरुण पाठक के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। घटना को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। जिसके बाद महिला आईपीएस अधिकारी भी सुर्खियों में हैं। यह पूरा घटनाक्रम रविवार को हुआ। जब ऑपरेशन सिंदूर कप के दौरान सांसद 11 और सेना 11 के बीच मैच होने वाला था। बता दें, इस मैच का आयोजन कानपुर के सांसद रमेश अवस्थी ने किया था।

बता दें, जिस महिला आईपीएस की बीजेपी के एमएलसी से तकरार हुई उनका नाम अंजलि विश्वकर्मा है। अंजलि और भाजपा एमएलसी अरुण पाठक के बीच कानपुर में एक मैच के दौरान बहस हो गई।

अंजलि विश्वकर्मा मूल रूप से उत्‍तराखंड के देहरादून की रहने वाली हैं। उनका जन्‍म 11 जनवरी 1993 को हुआ। उनके पिता अरुण कुमार एक साधारण परिवार से हैं। देहरादून जैसे शांत शहर में पली-बढ़ी अंजलि ने बचपन से ही पढ़ाई में गजब की लगन दिखाई। उनके परिवार ने हमेशा उन्हें सपनों को पंख देने की प्रेरणा दी और यही वजह रही कि अंजलि ने न सिर्फ पढ़ाई में बल्कि जिंदगी में भी बड़े-बड़े लक्ष्य हासिल किए।

IIT कानपुर से की इंजीनियरिंग

अंजलि ने देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक IIT कानपुर से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में B.Tech किया। उनकी शैक्षिक उपलब्धियां यहीं नहीं रुकीं। अपनी बुद्धि और मेहनत के दम पर उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और एक ऐसी राह चुनी जो उन्हें विदेश तक ले गई, लेकिन पढ़ाई के साथ-साथ अंजलि के मन में कुछ बड़ा करने का जुनून था। उनकी इस लगन ने उन्हें इंजीनियरिंग के बाद सिविल सर्विसेज की तरफ मोड़ा।

विदेश में लाखों की नौकरी

IIT से पढ़ाई करने के बाद अंजलि ने एक तेल कंपनी में नौकरी शुरू की। वह करीब छह देशों में काम कर चुकी हैं और न्यूजीलैंड में रहते हुए वह हर महीने लगभग चार लाख रुपये यानी सालाना 48 लाख रुपये का पैकेज कमा रही थीं। ये वो दौर था जब अंजलि के पास सारी सुख-सुविधाएं थीं। शानदार जॉब, विदेश की चमक-दमक और एक सेटल्ड लाइफ, लेकिन उनके दिल में कुछ और ही था। न्यूजीलैंड में नौकरी करते हुए उन्होंने फैसला किया कि वो अपने देश के लिए कुछ करेंगी। इस सपने ने उन्हें यूपीएससी की तैयारी की ओर मोड़ दिया।

सेकेंड अटेम्पट में पास की UPSC परीक्षा

UPSC की परीक्षा पास करना कोई आसान बात नहीं थी। अंजलि ने भी पहली बार में असफलता का सामना किया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। अपनी नौकरी और आरामदायक जिंदगी छोड़कर वह भारत लौटीं और पूरी मेहनत से UPSC की तैयारी की। 2020 में उनकी मेहनत रंग लाई और वह UPSC पास करके 2021 बैच की आईपीएस बन गईं।

अंजलि कानपुर में ADCP के पद पर तैनात हैं

अंजलि वर्तमान में कानपुर नगर पुलिस कमिश्नरेट में अपर पुलिस उपायुक्त (ADCP) के पद पर तैनात हैं। उनकी नियुक्ति 19 मार्च 2025 को हुई थी और वह 1 जनवरी 2025 से सीनियर स्केल में हैं। इससे पहले वह कानपुर में ही सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) के तौर पर बाबूपुरवा और साइबर क्राइम यूनिट में काम कर चुकी हैं। चार साल के छोटे से करियर में अंजलि ने कई बड़े केस सुलझाए हैं। खासकर महिला अपराधों के खिलाफ उनके अभियान ने उन्हें सुर्खियां दिलाईं। झांसी में एक लड़की के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी वह चर्चा में रहीं।

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क्‍यों चर्चा में हैं अंजलि

30 जून 2025 यानी रविवार को कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में सांसद-11 और सेना-11 के बीच एक क्रिकेट मैच चल रहा था। इस हाई-प्रोफाइल इवेंट में केंद्रीय मंत्री संजय सेठ, सांसद मनोज तिवारी और राज्य मंत्री दानिश आजाद जैसे बड़े नाम शामिल थे, लेकिन इसी दौरान भाजपा एलएसी अरुण पाठक और एडीसीपी अंजलि विश्वकर्मा के बीच तीखी बहस हो गई।

बात तब शुरू हुई जब पाठक अपने गनर को स्टेडियम में ले जाना चाहते थे, लेकिन अंजलि ने सुरक्षा नियमों का हवाला देकर इसे मना कर दिया। वायरल वीडियो में अंजलि को ACP कैंट से कहते सुना गया कि तुम रुको, मैं इन्हें एक कार्यक्रम में डील कर चुकी हूं। इस बात पर पाठक भड़क गए और बार-बार पूछने लगे कि क्या डील किया?। अंजलि ने जवाब देने की बजाय अपनी जिम्मेदारी निभाई और सुरक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता दी। इसके बाद कानपुर की महापौर प्रमिला पांडेय और भाजपा नेताओं के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। वहीं, यहां यह भी जानने की कोशिश करते हैं कि यादव-ब्राह्मण सियासी विवाद से कितने बदलेंगे यूपी के चुनावी समीकरण? पढ़ें…पूरी खबर।