हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या की जांच चल ही रही थी कि रोहतक में एक और पुलिस अधिकारी (ASI) संदीप लाठर ने आत्महत्या कर ली। पूरन कुमार और ASI संदीप लाठर दोनों ने सुसाइड नोट लिखा है। पूरन कुमार ने रोहतक के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (SP) नरेंद्र बिजारनिया पर आरोप लगाया था। इसके बाद हरियाणा सरकार ने नरेंद्र बिजारनिया का 11 अक्टूबर को रोहतक से तबादला कर दिया गया था और उन्हें अभी तक नई पोस्टिंग नहीं मिली है।
नूंह में बिजारनिया ने संभाला था मोर्चा
नरेंद्र बिजारनिया फील्डवर्क के लिए जाने जाते हैं। जब अगस्त 2023 में नूंह में सांप्रदायिक झड़पें हुईं (जिसमें सात लोगों की जान चली गई) तब नरेंद्र बिजारनिया को सरकार ने भेजा। नूंह में 15 महीने से ज़्यादा समय तक काम करने के अपने अनुभव के आधार पर नरेंद्र बिजारनिया को ज़िले और आसपास के इलाकों में कानून-व्यवस्था और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने का काम सौंपा गया था।
किसान परिवार से आते हैं बिजारनिया
राजस्थान के सीकर ज़िले के रहने वाले नरेंद्र बिजारनिया एक किसान बेटे हैं। उन्होंने 2015 में यूपीएससी परीक्षा पास करने और हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी बनने से पहले 2011-2014 तक केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क विभाग में काम किया। उन्होंने एमएनआईटी (जयपुर) से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है।
2017 में सिरसा ज़िले में अपनी प्रशिक्षण तैनाती के दौरान नरेंद्र बिजारनिया ने एक महत्वपूर्ण संयुक्त अभियान का नेतृत्व किया जिसमें गैंगस्टर आनंदपाल सिंह मारा गया। राजस्थान के चूरू ज़िले के मालासर गांव में राजस्थान के विशेष अभियान समूह (SOG) के साथ मिलकर चलाए गए इस अभियान में आनंदपाल के भाइयों और गिरोह के अन्य सदस्यों को गिरफ़्तार किया गया। नरेंद्र बिजारनिया ने हरियाणा में संगठित अपराधों के नेटवर्क का भंडाफोड़ करने के लिए गठित विशेष कार्य बल के एसपी के रूप में भी काम किया।
पूरन कुमार की पत्नी आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार ने चंडीगढ़ पुलिस में दर्ज अपनी शिकायत में डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर और नरेंद्र बिजारनिया का नाम लिया था और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि इन अधिकारियों ने 6 अक्टूबर को रोहतक में दर्ज एक भ्रष्टाचार के मामले में उनके पति को झूठा फंसाया।