कहते हैं कि अगर कोई सच्चे दिल से कुछ करना चाहे या कोई मुकाम हासिल करना चाहे तो, हासिल कर ही लेता है। आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार पर यह बात एकदम फिट बैठती है। करीब 45 साल पहले नीतीश कुमार ने भी ठाना था कि चाहे कुछ भी हो जाए, लेकिन एक दिन वो बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे।
ये बात साल 1970 की है जब नीतीश कुमार स्टूडेंट पॉलिटिक्स में काफी एक्टिव थे और छात्रों के बीच उनकी अच्छी लोकप्रियता भी थी। एक दिन पटना के कॉफी हाउस में नीतीश कुछ लोगों के साथ बैठे थे, तभी चर्चा होने लगी कि कर्पूरी ठाकुर जिस उम्मीद से मुख्यमंत्री बने थे, वो पूरी नहीं हो पा रही है।
इस चर्चा में पत्रकार सुरेंद्र किशोर भी शामिल थे। तभी उन्हें सवाल किया कि क्या बिहार को कभी एक अच्छा मुख्यमंत्री मिल पाएगा। यह सुनकर नीतीश ने टेबल पर मुक्का मारा और कहा, “मैं एक दिन बिहार का मुख्यमंत्री बनूंगा, बाई हुक ओर बाई क्रुक, और मैं बिहार में सब ठीक कर दूंगा।” इस घटना को तकरीबन 45 साल बीत चुके हैं और नीतीश कुमार ने आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।
2000 में पहली बार सीएम बने थे नीतीश कुमार
नीतीश कुमार साल 2000 में एनडीए के समर्थन से पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि बहुमत साबित ना कर पाने की वजह से 7 दिन बाद ही 10 मार्च को उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद 2003 में ही उन्होंने अपनी समता पार्टी का शरद पवार की जनता दल के साथ विलय कर लिया और बीजेपी के साथ भी अपना गठबंधन जारी रखा। इस विलय से जनता दल यूनाईटेड का गठन हुआ, जिसके मुखिया नीतीश कुमार बने।
2005 में बीजेपी और अन्य दलों के समर्थन से नीतीश कुमार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने और 5 साल का कार्यकाल पूरा किया। 2010 में भी बीजेपी के साथ चुनाव लड़ा और तीसरी बार बिहार के सीएम बने। इसके बाद 2013 में बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़कर आरजेडी और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाया। फिर 2015 में महागठबंधन की सरकार बनी और नीतीश कुमार पांचवीं बार सीएम बने। यह गठबंधन दो साल चला और नीतीश 2017 में वापस बीजेपी के साथ आ गए। इसके बाद, 2020 का विधानसभा चुनाव बीजेपी के साथ लड़ा और सातवीं बार मुख्यमंत्री बने अब 2022 में आरजेडी के साथ महागठबंधन की सरकार बनाकर आठवीं बार मुख्यमंत्री की शपथ ली है।