Tejashwi yadav on Lalu Post Railway: बिहार रेल कारखाने पर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की पोस्ट पर आरजेडी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का बयान सामने आया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि यह बिहार की जरूरत थी। आगे चलकर प्रगतिशील राजनीति होनी चाहिए, जिससे बिहार और राज्य के लोगों की तरक्की हो।
राजद नेता तेजस्वी ने कहा कि लालू जी ने जो आंकड़े दिए हैं, वे सही हैं। जब वे 2004 में रेल मंत्री थे, तब बिहार को कई कारखाने मिले… वहां 2 लाख से ज्यादा पहिए बनाए गए हैं। इसलिए, यह सुखद है। 2004-2009 तक बिहार से 22 और झारखंड से 2 सांसद थे। यूपीए-1 में हम दूसरी सबसे बड़ी ताकत थे। उस समय लालू जी और मनमोहन जी के समर्थन से बिहार को 1.5 लाख करोड़ रुपए का पैकेज मिला… 2019 में एनडीए के पास (बिहार से) करीब 39 सांसद थे, लेकिन बिहार को कुछ नहीं मिला। अब 30 सांसद और कई मंत्री हैं। लेकिन बिहार को 1.5 लाख करोड़ रुपये का पैकेज मिला है। अब भी धोखा दिया… बिहार को सिर्फ धोखा दिया है…”
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि अभी बिहार को ठगा जा रहा है, कोई कारखाना नहीं , कोई नौकरी नहीं, कोई विकास के काम नहीं…स्पेशल राज्य का दर्जा देने की बात हुई थी, लेकिन उन्होंने (बीजेपी) वो भी मना कर दिया गया। इन लोगों ने केवल बिहार को ठगने का काम किया है जबकि हम लोगों ने काम करके दिखाया है लालू जी रेलवे मंत्री थे तब 90000 करोड़ का मुनाफा था इस बार के बजट में रेलवे का कोई जिक्र ही नहीं हुआ। तो आज के दौर में लोग कही न कही लालू जी के कामों को याद करते हैं तो जो उन्होंने काम किया है वही उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है।
लालू प्रसाद यादव ने अपनी पोस्ट में क्या कहा था?
इससे पहले आरजेडी चीफ लालू प्रसाद ने एक्स पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखा था। लालू यादव ने लिखा, ‘आपको बताते खुशी हो रही है कि सारण के दरियापुर स्थित रेल व्हील प्लांट में रिकॉर्ड 2 लाख से अधिक रेल पहियों का उत्पादन किया जा चुका है।हमने रेल मंत्री रहते इसकी आधारशिला 29 जुलाई 2008 को रखी थी। प्लांट के निर्माण पर लगभग 1640 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।’
लालू यादव ने कहा, ‘बिहार में रेल के पहिए का निर्माण भारतीय रेलवे के लिए एक वरदान साबित हुआ। अब Made in Bihar रेल पहिये भारतीय रेलवे की रफ्तार भरने में रिकॉर्ड बना देश के विकास में अहम योगदान दे रहे है। बिहार के बेला स्थित रेल व्हील प्लांट द्वारा अब तक 2 लाख से अधिक रेल पहियों का निर्माण किया जा चुका है जिससे भारतीय रेलवे की विदेशों पर निर्भरता कम हो गई। मुझे यह बताते प्रसन्नता हो रही है कि हमारे द्वारा बिहार में स्थापित बेला रेल व्हील प्लांट देश को आत्मनिर्भर बनाने में अपनी भूमिका निभा रहा है।’
आरजेडी चीफ ने कहा, ‘2004-05 में स्वीकृत तथा जुलाई 2008 में शुरू हुआ रेल पहिया प्लांट का निर्माण हमारे द्वारा बिहार में औद्योगीकरण को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। यह भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार था कि बिना किसी विदेशी सहयोग के एक अत्यधिक परिष्कृत कारखाना देश में स्थापित किया गया था। यह रेलवे इंजीनियरों की इन-हाउस क्षमता और विशेषज्ञता के कारण संभव हुआ।’
लालू यादव ने आगे लिखा कि चारों तरफ नदियों से घिरा रहने और पानी लगने के कारण कारख़ाना स्थापित करने के लिए यह स्थल चुनौतियों से भरा था लेकिन अपनी इच्छा शक्ति के दम पर हमने सभी कठिनाइयों को पार किया और 2008 में इसका उद्घाटन कर सिविल कार्य शुरू करवाया।
उन्होंने कहा कि UPA-1 में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के बल पर हमने 2004 से 2009 के बीच प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह और श्रीमती सोनिया गांधी के सहयोग से विकास कार्यों के लिए बिहार को 1 लाख 44 करोड़ की विशेष आर्थिक सहायता राशि आवंटित ही नहीं बल्कि दिलाई थी। UPA-1 में केंद्र से मिले सहयोग के कारण बिहार में ग्रामीण सड़के, पुल-पुलिया, बिजली, रेलवे लाइनें, मनरेगा के तहत रोजगार, रेलवे स्टेशन, तथा सारण और मधेपुरा में रेल कारखानों का जाल बिछा दिया था। हमारे द्वारा UPA काल में दिए गए सहयोग राशि से नीतीश कुमार ने अपना चेहरा खूब चमकाया। चूँकि हम प्रचार नहीं बल्कि जमीनी काम करते थे।
बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री से सवालिया लहजे में लालू ने पूछा कि नीतीश बताए NDA के 10 वर्षों में बिहार को कोरी घोषणाओं के अलावा क्या मिला? हमने तो 22 सांसदों के दम पर 2004 से 2009 के बीच 5 वर्ष में ही बिहार को 1 लाख 44 हज़ार करोड़ की सहायता राशि दिलाई लेकिन ये तो 2014 में 31, 2019 में 39 और 2024 में 30 सांसद लेकर भी दिल्ली के सामने हाथ जोड़, गिड़गिड़ा कर झोली फैलाते है लेकिन तब भी इन्हें कुछ नहीं मिलता। राजधानी में हक़ माँगना नहीं छिनना पड़ता है।