तमाम उठा-पटक के बाद आखिरकार महाराष्ट्र की सियासत भी अब स्थिर हो गई। एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस शपथ के दौरान जहां शिंदे ने आज राज्य के लोगों की सेवा करने का वादा किया वहीं उनके चॉल के दिनों से ही उनके पड़ोसियों ने इस बात का दावा किया है कि एकनाथ शिंदे बहुत ही उदार व्यक्तित्व के स्वामी हैं वो हमेशा से ही लोगों का उद्धार करते आए हैं।

इंडिया टुडे की वेबसाइट के मुताबिक, महाराष्ट्र के नवनियुक्त मुख्यमंत्री के पड़ोसियों ने बताया कि जब शिंदे एक चॉल में रहा करते थे तब से ही वो एक विनम्र स्वभाव के थे। शिंदे अब से 35 साल पहले ठाणे की एक चॉल में रहा करते थे। शिंदे के पड़ोसियों से जब मीडिया ने बात की तो उन्होंने साल 1989 की एक घटना के बारे में बताया।

1989 मुंबई दंगे में बच्चे और उसकी मां की मदद की
इस घटना के मुताबिक साल 1989 में जब मुंबई में दंगा हो रहा था तभी एकनाथ शिंदे एक महिला और उसके बच्चे की मदद की। चूंकि पूरे इलाके में दंगे हो रहे थे इस वजह से कहीं भी कोई टैक्सी या ऑटो नहीं था बच्चे को अस्पताल से ले आना था और चारो ओर माहौल बहुत खराब था। ऐसे में शिंदे ने उस बच्चे और उसकी मां घर लाने के लिए ऑटो रिक्शा लिया और अस्पताल की तरफ चल पड़े। पड़ोसी ने बताया कि शिंदे खुद ही रात में ऑटो चलाकर गए और उस बच्चे को अस्पताल से घर ले आए।

पड़ोसियों ने की शिंदे की निष्ठा और समर्पण की तारीफ
शिंदे के पड़ोसियों ने उनके निष्ठा और समर्पण की तारीफ करते हुए कहा, “शिंदे शायद ही सो पाते हैं और वह हमेशा लोगों की मदद के लिए तैयार रहते हैं। उन्होंने जिस तरह का समर्पण और निष्ठा दिखाई है, वह काबिले तारीफ है।”

गुरुवार को शिंदे ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ
एकनाथ शिंदे के महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होने की घोषणा फडणवीस और शिंदे द्वारा सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राजभवन में राज्यपाल बीएस कोश्यारी से मिलने के तुरंत बाद हुई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुधवार को फ्लोर टेस्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार करने के तुरंत बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।