भाषा विवाद पर सपा नेता अबू आजमी ने कहा कि भिवंडी में मराठी बोलने की क्या जरूरत है। समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी ने भिवंडी में मराठी में बोलने की आवश्यकता पर बुधवार को सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “मराठी और हिंदी में क्या अंतर है?” उनकी इस टिप्पणी के बाद विवाद पैदा हो गया।
यह विवाद उस वक्त शुरू हुआ, जब आजमी ने कल्याण रोड के चौड़ीकरण को रोकने की मांग को लेकर मुंबई से सटे ठाणे जिले के भिवंडी शहर का दौरा किया, जहां मुस्लिम समुदाय की अच्छी-खासी आबादी है। हिंदी में मीडिया को संबोधित करने के दौरान मराठी पत्रकारों ने आजमी से मराठी में जवाब देने का आग्रह किया।
भिवंडी में मराठी भाषा की क्या जरूरत- अबू आजमी
इस पर सपा नेता ने कहा, “मराठी और हिंदी में क्या अंतर है? मैं मराठी बोल सकता हूं, लेकिन भिवंडी में मराठी भाषा की क्या जरूरत है?” उन्होंने कहा कि दिल्ली या उत्तर प्रदेश जैसे स्थानों पर ‘मराठी बयान’ समझ में नहीं आएंगे। इस टिप्पणी पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की ठाणे जिला इकाई के अध्यक्ष परेश चौधरी ने कड़ा ऐतराज जताया और कहा, “अबू आजमी, आप महाराष्ट्र की राजनीति में हैं। जब आप महाराष्ट्र की राजनीति में हैं, तो उत्तर प्रदेश के लोगों की चिंता क्यों करते हैं? भिवंडी महाराष्ट्र में है। यहां केवल मराठी ही चलेगी। अगर आपको मराठी बोलने में शर्मिंदगी महसूस होती है, तो हम आपको मनसे की शैली में जवाब देंगे।”
भिवंडी से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के लोकसभा सदस्य सुरेश म्हात्रे ने मराठी भाषा के महत्व पर जोर देते हुए सुझाव दिया कि आप जिस स्थान पर हैं, वहां की भाषा बोलना बेहतर होगा।
(इनपुट-भाषा)