PDA Pathshala In Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में स्कूल मर्जर की पॉलिसी को लेक जबरदस्त बवाल देखने को मिल रहा है, कई शिक्षक तो इसका विरोध कर ही रहे हैं, इसके अलावा पार्टियां भी प्रदर्शन कर रही हैं। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी ने भी उत्तर प्रदेश में पीडीए पाठशाला शुरू की है। तर्क दिया जा रहा है कि जब तक स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक नहीं आ जाते, इसी तरह से पीडीए पाठशाला चलती रहेगी।
अखिलेश यादव ने क्या कहा?
मीडिया से बात करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव कहते हैं कि PDA पाठशाला को पुलिस नहीं रोक सकती। मुख्यमंत्री को स्वयं पाठशाला में आकर हालात देखने चाहिए। सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि उसने कई स्कूल बंद कर दिए हैं और कुछ का विलय भी किया है… समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता तब तक छात्रों को पढ़ाते रहेंगे जब तक उन स्कूलों में नए शिक्षकों की भर्ती नहीं हो जाती।
राज्यसभा में भड़के नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे
पीडीए पाठशाला क्या है?
अब जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि समाजवादी लोग PDA की पाठशाला चलाकर बच्चों को शिक्षित करने का काम करेंगे। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से इसको लेकर अपील भी की थी कि समाजवादी साथी उन गांवों में जाकर टीम बनाएं जहां सरकारी स्कूल बंद पढ़े हैं या बंद हो रहे हैं। लेकिन ऐसे ही एक शिक्षक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है और तभी से विवाद छिड़ चुका है।
स्कूल मर्जर पॉलिसी क्या है?
वैसे जिस स्कूल मर्जर को लेकर सारा विवाद है, उसको लेकर राज्य सरकार ने एक आदेश जारी किया था। यूपी सरकार का 16 जून वाला आदेश कहता है कि जिन भी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में 50 से कम छात्र होंगे, उनका दूसरे स्कूलों के साथ मर्जर कर दिया जाएगा। यूपी सरकार का तर्क है कि अगर छोटे स्कूलों का बड़े स्कूलों में मर्जर होगा तो उस स्थिति में छात्रों को बेहतर सुविधाएं मिल पाएंगी, उन्हें भी दूसरों की तरफ अच्छी शिक्षा मिलेगी। सरकार को ऐसा भी लगता है कि छोटे स्कूल हैं, वहां ना सिर्फ टीचरों की कमी है बल्कि बेसिक सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। वहीं जो थोड़े बड़े स्कूल हैं, उन तक तो सारी सुविधाएं भी पहुंच रही हैं और वहां बच्चों की संख्या भी ठीक-ठाक है।
ये भी पढ़ें- ‘स्कूल मर्जर’ पॉलिसी में कौन सही कौन गलत?